crossorigin="anonymous"> नस्लवादी मानसिकता को स्वीकार नहीं, शहजादे को देना पड़ेगा जवाब : मोदी - Sanchar Times

नस्लवादी मानसिकता को स्वीकार नहीं, शहजादे को देना पड़ेगा जवाब : मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पार्टी नेता सैम पित्रोदा की विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि उनका बयान “त्वचा के रंग के आधार पर देश के कई लोगों का अपमान” था। पित्रोदा ने दिन की शुरुआत में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि पूर्वी भारत के लोग चीनियों जैसे दिखते हैं, जबकि दक्षिण भारत के लोग अफ्रीकियों जैसे दिखते हैं। तेलंगाना के वारंगल जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ‘शहजादे आपको जवाब देना पड़ेगा’। मेरा देश मेरे देशवासियों का उनकी त्वचा के रंग के आधार पर अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा और मोदी भी इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।’

राहुल गांधी पर वार करते हुए मोदी ने कहा कि मैं आज एक गंभीर सवाल पूछना चाहता हूं…मुझे आज बहुत गुस्सा आ रहा है, अगर कोई मुझे गाली देता है तो मैं सह सकता हूं लेकिन ‘शहजादा’ के इस दार्शनिक ने इतनी बड़ी गाली दी है कि मैं गुस्से से भर गया हूं। उन्होंने सवाल किया कि क्या त्वचा के रंग से तय होगी देश के लोगों की क्षमता? ‘शहजादा’ को ये अधिकार किसने दिया? संविधान को सिर पर रखकर नाचने वाले लोग मेरे देशवासियों का उनकी त्वचा के रंग के आधार पर अपमान कर रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसने ‘शहजादा’ को मेरे लोगों को इस तरह हेय दृष्टि से देखने की अनुमति दी? ‘शहजादे’ तुम्हें जवाब देना होगा। हम इस नस्लवादी मानसिकता को स्वीकार नहीं करेंगे।

सैम पित्रोदा ने आज कहा कि भारत में अलग-अलग शक्ल-सूरत वाले लोग मिलजुल कर रहते हैं। उन्होंने कहा कि हम 70-75 साल से बहुत खुशहाल माहौल में रह रहे हैं, जहां लोग यहां-वहां के कुछ झगड़ों को छोड़कर एक साथ रह सकते हैं। हम भारत जैसे विविधता वाले देश को एक साथ रख सकते हैं – जहां पूर्व के लोग चीनी की तरह दिखते हैं, लोग पश्चिम में लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर में लोग शायद श्वेत जैसे दिखते हैं और दक्षिण में लोग अफ्रीका जैसे दिखते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि ये कांग्रेस का नेतृत्व विदेशी मूल का क्या हो गया, आप सभी भारतीयों का मूल विदेशी में ढूंढने लगे’। मैं इसे फिर से कह रहा हूं, जब से कांग्रेस का नेतृत्व विदेशी मूल के लोगों ने संभाला, उन्होंने उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में भारतीयों को विदेशी मूल के रूप में देखना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि यह भारत की अस्मिता और उसके अस्तित्व के सवाल पर भारत के विचार की लड़ाई है। यह विदेशी मानसिकता है जो मुगलों और अंग्रेजों ने हमारे दिमाग में घर कर दी थी कि हम सब बाहरी हैं और भारत सिर्फ एक सराय है… कांग्रेस की मानसिकता स्पष्ट है, उनकी अवधारणा है ‘भारत को अंदर से तोड़ो, बाहर से’ जोडो’…।


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