किरीबुरु में लोक आस्था का महापर्व छठ उत्साह, उमंग और हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया. किरीबुरु स्थित लोकेश्वर नाथ मंदिर तालाब छठ घाट पर 19 नवम्बर की शाम डूबते सूर्य तथा 20 नवम्बर की सुबह उगते सूर्य को छठ व्रतियों ने अर्घ्य दिया. घाट के चारों तरफ सैकड़ों लोगों की भीड़ पटाखे जलाते व खुशियां मनाते नजर आई. महिलाएं छठ व्रतियों के साथ छठ गीत गाते घाट की तरफ खाली पैर पहुंचीं.
घाट पर उमेश होटल की तरफ से निःशुल्क चाय का स्टॉल लगाया गया था. सेल प्रबंधन द्वारा छठ घाट की बेहतर तरीके से साफ-सफाई व रंग-रोगन के अलावे तमाम सड़कों पर टैंकर से पानी का छिड़काव किया गया. मंदिर कमिटी की तरफ से घाट के चारों तरफ बेहतर तरीके से रंग-बिरंगी लाईटें लगाई गई थी.घाट पर पुलिस की कडी़ सुरक्षा व्यवस्था थी. हालांकि वर्ल्ड कप क्रिकेट का फाईनल की वजह से शाम को भीड़ अन्य वर्षों की तुलना में काफी कम देखी गई.
गुवा तथा बड़ाजामदा में लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व पर रविवार को श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी और सोमवार की सुबह उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. इस दौरान छठ व्रतियों का 36 घंटा का निर्जला उपवास सोमवार को सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य अर्पण कर संपन्न हो गया. इस दौरान गुवा के कुसुम घाट स्थित छठ घाट, कल्याण नगर स्थित छठ घाट तथा योग नगर स्थित छठ घाट में श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया. इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए गुवा प्रशासन भी गुवा के विभिन्न छठ घाटों पर पुलिस बल के जवान तैनात रहे.
वहीं बड़ाजामदा में आदर्श मध्य विद्यालय के पास छठ घाट, नालदा गेट के पास छठ घाट तथा सत्संग विहार मंदिर के पास स्थित बोकना छठ घाट मैं छठ व्रतियों ने भगवान सूर्य को अर्ध्य अर्पण किया.श्रद्धालुओं ने अपने माथा में दौरा उठाकर नंगे पाव पैदल चलकर छठ घाट पहुंचे. वही समाजसेवियों द्वारा छठ घाटों में छठ के गीत बजाएं गए तथा वही महिलाओं ने छठ के गीत गाते हुए छठ घाट पहुंचे.और छठ व्रती महिलाएं नदी में खड़े होकर भगवान सूर्य को प्रणाम कर मन्नते मगी गई.