डोनाल्ड ट्रंप पर जॉर्जिया राज्य में 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम को पलटने का आरोप है। अमेरिका के पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ चौथा आपराधिक मामला है। दूसरी बार है जब उन पर चुनाव के नतीजों को पलटने की कोशिश करने का आरोप लगा है। ट्रंप पर कुल 13 आरोप तय हुए हैं। इसमें जॉर्जिया राज्य के रैकेटियरिंग अधिनियम का उल्लंघन भी शामिल था। अन्य आरोप एक सार्वजनिक अधिकारी की याचना करने, एक सार्वजनिक अधिकारी का प्रतिरूपण करने की साजिश रचने, प्रथम श्रेणी में जालसाजी करने की साजिश रचने और झूठे दस्तावेज दाखिल करने की साजिश रचने के बारे में है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ट्रंप चुनाव जीते तो संभव है कि वह खुद की सजा माफ कर देंगे। ऐसी स्थिति अमेरिका में पहले कभी देखी नहीं गई है और ना ही इससे जुड़े कोई नियम हैं। बहुत हद तक सुप्रीम कोर्ट इसमें दखल कर सकता है। अगर केस राष्ट्रपति बनने के बाद भी चलता रहा तो वह मामले को खारिज करने की भी कोशिश कर सकते हैं।
जल्दी सुनवाई हो पाएगी ऐसे आसार नजर नहीं आते। ट्रंप के खिलाफ कई केस हैं। सभी केस एक ही समय नहीं चलाए जा सकते। आसार कम हैं कि चुनाव के दौरान मुख्य केस की सुनवाई हो।
अमेरिकी कानून के तहत अगर किसी शख्स पर आपराधिक आरोप लगे हों, या भले ही वह जेल में हों तो भी उसे राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने से कोई नहीं रोक सकता।