मामले में गंभीर लापरवाही पर सवाल उठाए, कहा- चार साल की मासूम बच्चियां भी सुरक्षित नहीं हैं
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बदलापुर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में संज्ञान लिया। गुरुवार को सुनवाई के दौरान, जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने मामले में गंभीर लापरवाही पर सवाल उठाए और कहा कि चार साल की मासूम बच्चियां भी सुरक्षित नहीं हैं। यह कैसे हालात हैं। अगर स्कूल ही सुरक्षित नहीं हैं तो शिक्षा के अधिकार और बाकी चीजों का क्या मतलब। इस बीच बुधवार को शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। 27 अगस्त को होगी, जिसमें कोर्ट ने सरकार और पुलिस को जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट की टिप्पणियाँ: हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत स्कूल प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश दिए और मामले की जानकारी छिपाने के आरोप में कार्रवाई की बात की।
- सरकार और पुलिस पर सवाल: कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या बच्चियों ने स्कूल प्रशासन से यौन शोषण की शिकायत की थी और क्या पुलिस ने स्कूल के खिलाफ केस दर्ज किया। सरकार ने पुष्टि की कि SIT का गठन किया गया है और अब केस दर्ज किया जाएगा। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि राज्य सरकार और पुलिस की ओर से किसी भी तरह की लापरवही हुई या मामले को दबाने की कोशिश की गई, तो हम कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे।
- पुलिस की लापरवाही: कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि जैसे ही एफआईआर दर्ज कराई गई, स्कूल अधिकारियों के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया जाना चाहिए था। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि पुलिस ने दूसरी बच्ची के परिजन का बयान क्यों नहीं दर्ज किया और इसे आधी रात के बाद क्यों किया गया।
- घटना का विवरण: घटना 12 और 13 अगस्त को घटी, जिसमें चार साल और छह साल की बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न हुआ। आरोपी अक्षय शिंदे को गिरफ्तार किया गया है, जो स्कूल में टॉयलेट की सफाई के लिए अनुबंध पर नियुक्त था।
- प्रदर्शन और इंटरनेट बंद: घटना के खिलाफ बदलापुर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ और बुधवार को शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 72 लोगों को गिरफ्तार किया है।
- राजनीतिक प्रतिक्रिया: महाविकास अघाड़ी ने 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विरोध को सियासत से प्रेरित बताया, जबकि उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो लोग इसे राजनीति से जोड़ रहे हैं, वे या तो सामान्य नहीं हैं या दोषियों को बचा रहे हैं।