crossorigin="anonymous"> भारत-श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक फैसला, 40 साल बाद चली रिश्तों की नाव - Sanchar Times

भारत-श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक फैसला, 40 साल बाद चली रिश्तों की नाव

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श्रीलंका में गृह युद्ध के कारण अवरुद्ध होने के 40 साल बाद भारत और द्वीपीय राष्ट्र के बीच शनिवार को नौका सेवा बहाल हुई, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में ‘महत्वपूर्ण उपलब्धि’ बताया।

नौका सेवाओं की बहाली का स्वागत करते हुए श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी, व्यापार और सांस्कृतिक संपर्क में सुधार लाने में मदद मिलेगी। तमिलनाडु के नागपत्तिनम और श्रीलंका के उत्तरी प्रांत में जाफना के पास कांकेसंथुराई के बीच नौका सेवा का उद्देश्य दोनों पड़ोसियों के बीच प्राचीन समुद्री संपर्क को पुनर्जीवित करना है। उच्च गति वाली इस नौका सेवा का संचालन ‘शि¨पग कॉपरेरेशन ऑफ इंडिया’ कर रहा है और इसकी क्षमता 150 यात्रियों की है। अधिकारियों के अनुसार, नागपत्तिनम और कांकेसंथुराई के बीच लगभग 60 समुद्री मील (110 किमी.) की दूरी समुद्र की स्थिति के आधार पर करीब साढ़े तीन घंटे में तय होगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच नौका सेवा से दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी, व्यापार को गति मिलेगी और लंबे समय से कायम रिश्ते मजबूत होंगे। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि नौका सेवा लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने की दिशा में ‘हकीकत में एक बड़ा कदम है।’ मोदी ने एक वीडियो संदेश में कहा कि यह नौका सेवा सभी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को जीवंत बनाती है। उन्होंने कहा, ‘कनेक्टिविटी का मतलब केवल दो शहरों को नजदीक लाना नहीं है। यह हमारे देशों, हमारे लोगों और हमारे दिलों को करीब लाती है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की हाल की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी के लिए एक दृष्टि पत्र संयुक्त रूप से स्वीकार किया गया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कनेक्टिविटी व्यापार, पर्यटन और लोगों के बीच परस्पर संपर्क को बढ़ावा दे रही है।


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