उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल ने राज्य के किसानों को दूसरे राज्यों में अपने उत्पाद बेचने का मौका देने के लिये मंडी नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मंत्रिमण्डल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि अभी तक जो किसान उत्तर प्रदेश से बाहर अपना माल नहीं बेच सकते थे उन्हें अनुमति देने के लिए और खासतौर से उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए मंडी उत्पादन 28 वां संशोधन—2023 को अमल में लाने के संबंध में प्रस्ताव आया था जिस पर मंत्रिमण्डल ने आज मुहर लगा दी। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश के किसान अपना माल राज्य के बाहर भी बेच सकेंगे और बाहर के किसान भी अपना माल उत्तर प्रदेश में बेच पाएंगे। वित्त मंत्री ने बताया कि मंत्रिमण्डल द्वारा लिये गये एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय के तहत उत्तर प्रदेश शासन वेतन वृद्धि से एक दिन पहले सेवानिवृत होने वाले न्यायिक अधिकारियों को एक वेतन वृद्धि का लाभ देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गयी।
खन्ना ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने 19 मई 2023 को एक निर्णय दिया था जिसमें कहा गया था कि वेतन वृद्धि से एक दिन पहले जो न्यायिक अधिकारी सेवानिवृत्त हुए हैं उन्हें पेंशन के उद्देश्य से इसे वेतन वृद्धि को अनुमन्य कर दिया जाए। उनके मुताबिक मंत्रिमण्डल ने एक अन्य निर्णय में देश में मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित गांवों में फोर 4 जी मोबाइल सेवाओं की उपलब्धता से सम्बन्धित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। खन्ना ने बताया कि सरकार की इस योजना के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में 361 चिहि्न गांवों को लाने के वास्ते 226 स्थानों पर नए मोबाइल टावर स्थापित करने के लिए ग्राम सभा की 200 वर्ग मीटर जमीन जिला प्रशासन के माध्यम से भारत संचार निगम लिमिटेड को निशुल्क उपलब्ध करायी जाएगी।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले घोषणा की थी कि लखनऊ स्थित संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में एक ‘पीडियाट्रिक सेंटर’ का निर्माण हो। उनके अनुसार इस सिलसिले में आज मंत्रिमण्डल के समक्ष एक प्रस्ताव आया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। खन्ना ने बताया कि 573 बेड के इस अत्याधुनिक ‘पेडियाट्रिक’ केंद्र का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। इसके निर्माण पर 199 करोड़ 10 लाख 52000 रुपए का खर्च अनुमानित है। इसे 24 महीने में तैयार किए जाने का प्रस्ताव आया था लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे 18 माह में ही पूरा करने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में 308 बेड की इकाई तैयार की जाएगी।