मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें करीब 30 हजार करोड़ के अनुपूरक बजट को कैबिनेट की मंजूरी मिलने की संभावना है। विधानसभा और विधान परिषद में मंगलवार को ही अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें कुंभ मेला, बसों की खरीद, औद्योगिक परियोजनाओं और 50 साल से ज्यादा पुराने पुलों के स्थान पर नए पुलों के निर्माण आदि मदों में धनराशि की व्यवस्था होगी। बैठक में दोनों उप मुख्यमंत्री मौजूद रहे। इसकी जानकारी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने खुद भी सोशल साइट पर तस्वीर पोस्ट कर दी।
विधानमंडल का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हो गई। हालांकि पहले दिन ही विधानसभा की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई। बिजली कटौती, प्रदेश में बाढ़ से तबाही, सूखा और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सपा ने जमकर हंगामा किया। सपा सदस्यों ने वेल में नारेबाजी भी की। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सूखा, बाढ़, कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग रखी, तो विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने नहीं माना। इस पर सपा सदस्य वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। वहीं प्रश्न काल के बाद बिजली संकट पर चर्चा कराने की मांग को लेकर भी सपा ने सदन से बहिर्गमन किया।
सुबह 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने प्रदेश में बाढ़, कानून-व्यवस्था, बिजली संकट और बढ़ते भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए इस कहा कि सारी कार्यवाही रोककर जनता से जुड़े इन अहम मुद्दों पर चर्चा कराई जाए। उनकी बात खत्म होने से पहले ही सपा सदस्य पोस्टर, बैनर लेकर वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। उनके पोस्टरों में बेरोजगारों को रोजगार देने, भाजपा विफल है अपने कामों में-जनता त्रस्त है बढ़ते दामों से जैसे नारे लिखे थे। कुछ सदस्य अपने कुर्ते के पीछे नारे लिखे हुए पोस्टर चिपका कर आए थे।
विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 56 में बिजली की सूचना देने की बात कहते हुए सपा सदस्यों को अपनी सीटों पर लौटने के लिए कहा, जिसे सपा सदस्यों ने अनसुना कर दिया। करीब तीन मिनट तक नारेबाजी जारी रहने पर विधानसभा अध्यक्ष ने सपा सदस्यों को सदन को सुचारू रूप से चलाने की हिदायत देते हुए कहा कि नारेबाजी जारी रही तो सदन को स्थगित करना पड़ेगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगे इन मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके बाद सपा सदस्य शांत हुए और अपनी सीट पर लौट गए। इसके बाद सदन की कार्यवाही व्यवस्थित हो सकी।
सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्रिमंडल में शामिल हुए नए सदस्यों ओपी राजभर, दारा सिंह चौहान, अनिल कुमार और सुनील शर्मा को बधाई दी। वहीं माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष चुने जाने पर बधाई दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सभी नए मंत्रियों का सदन से परिचय कराया।
बिजली, सूखा, बाढ़ जैसे मुद्दों को लेकर सदन में जिस समय सपा सदस्य वेल में आकर नारेबाजी कर रहे थे, उस समय पार्टी की बागी विधायक पल्लवी पटेल में अपनी सीट पर ही बैठी रहीं। वह न तो नारेबाजी में शामिल हुईं और न ही सपा की तरफ से सरकार के खिलाफ किसी मुद्दे पर विरोध जताते हुए दिखी।
सदन में विपक्षी खेमा में बदलाव दिखा। राज्यसभा चुनाव मे सपा से बगावत करने वाले सात विधायकों में शामिल मनोज पांडेय सदन में नहीं दिखे। जबकि राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, राकेश पांडेय और विनोद चतुर्वेदी सदन में पहुंचे तो थे, लेकिन सबसे पीछे की लाइन जाकर बैठ गए। जबकि इससे पहले ये लोग आगे से तीसीर कतार में बैठते थे। वहीं. पूजा पाल, आशुतोष मौर्य भी सदन में नहीं दिखे।