crossorigin="anonymous"> लेबनान में 30 मिनट के अंतराल में कई पेजर विस्फोटित हुए, जिसमें नौ लोग मारे गए

लेबनान में 30 मिनट के अंतराल में कई पेजर विस्फोटित हुए, जिसमें नौ लोग मारे गए

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3,000 से ज़्यादा लोग हो गए घायल

लेबनान में बड़ी तादाद में पेजर ब्लास्ट हुए हैं। हिजबुल्ला लड़ाकों द्वारा ले जाए जा रहे सैकड़ों पेजर एक साथ फट गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 30 मिनट के अंतराल में लेबनान में कई पेजर विस्फोटित हुए, जिसमें नौ लोग मारे गए और 3,000 से ज़्यादा लोग घायल हो गए। पेजर कम्यूनिकेशन का जरिया होता है। इस डिवाइस में मेसेज प्राप्त कर सकते हैं या भेज सकते है। पेजर को वैसे तो पुराने ज़माने के संचार उपकरण माना जाता है। 2000 के सालों में ये मोबाइल आने के बाद अनउपयोगी हो गया था। सीएनएन की रिपोर्ट कहती है कि इस हमले के पीछे इजरायल है। इजरायल की खुफिया सेवा, मोसाद और इजरायली सेना ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।

हालांकि इजराइली सेना ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हिजबुल्ला के एक अधिकारी के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया कि समूह द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले ‘हैंडहेल्ड पेजर’ के नये ब्रांड पहले गर्म हुए, फिर उनमें विस्फोट हो गया। अधिकारी ने बताया कि इसमें उसके कम से कम दो सदस्यों की मौत हो गई और अन्य घायल हो गए। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फिरास अबियाद ने कहा कि कम से कम आठ लोग मारे गए और 2,750 घायल हुए हैं तथा घायलों में से 200 की हालत गंभीर है।

ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने कहा कि देश के राजदूत मोजतबा अमानी पेजर में विस्फोट होने से मामूली रूप से घायल हो गए और उनका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में बेरूत के दक्षिणी उपनगरों से प्रसारित तस्वीरों और वीडियो में लोगों को फुटपाथ पर लेटे हुए दिखाया गया है जिनके हाथों पर या पैंट की जेबों के पास घाव थे। हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह ने पहले समूह के सदस्यों को सेलफोन न रखने की चेतावनी देते हुए कहा था कि उनका इस्तेमाल इजराइल द्वारा उनकी गतिविधियों पर नजर रखने और लक्षित हमले करने के लिए किया जा सकता है।

2018 में प्रकाशित बुक राइज़ एंड किल फ़र्स्ट के अनुसार, इज़राइली खुफिया बलों का अपने दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए सेल फ़ोन जैसे संचार उपकरणों का उपयोग करने का दशकों पुराना इतिहास रहा है। ऐसी ही एक घटना 1972 की है, जब माना जाता है कि इज़राइल ने म्यूनिख ग्रीष्मकालीन ओलंपिक नरसंहार के लिए फिलिस्तीन मुक्ति संगठन (पीएलओ) से बदला लिया था। मोसाद के जासूसों ने पीएलओ के पेरिस प्रमुख महमूद हमशारी के फ्लैट में प्रवेश किया और उनके फोन के बेस को विस्फोटकों के साथ बदल दिया। जैसे ही हमशारी ने फोन उठाया, उसे इजरायली टीम ने रिमोट से विस्फोट कर दिया। हमशारी को अपना एक पैर खोना पड़ा।


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