crossorigin="anonymous"> वंचितों के ‘शोषण’ में लीगल सिस्टम भी जिम्मेदार : चंद्रचूड़ - Sanchar Times

वंचितों के ‘शोषण’ में लीगल सिस्टम भी जिम्मेदार : चंद्रचूड़

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प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि दुर्भाग्य से कानूनी पण्राली ने अकसर वंचित सामाजिक समूहों के खिलाफ ‘ऐतिहासिक गलतियों’ को कायम रखने में ‘महत्वपूर्ण भूमिका’ अदा की है और इससे हुआ नुकसान पीढ़ियों तक बना रह सकता है।
वह ‘डॉ. बी आर आंबेडकर की अधूरी विरासत’ विषय पर रविवार को मैसाचुसेट्स के वाल्थम स्थित ब्रैंडिस यूनिवर्सिटी में आयोजित छठे अंतररराष्ट्रीय सम्मेलन को मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित कर रहे थे। प्रधान न्यायाधीश का संबोधन ‘रिफॉम्रेशन बियोंड रिप्रजेंटेशन : द सोशल लाइफ ऑफ द कंस्टिट्यूशन इन रेमेडिंग हिस्टॉरिकल रांग्स’ विषय पर था। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि पूरे इतिहास में हाशिए पर रहे सामाजिक समूहों को भयानक एवं गंभीर गलतियों का सामना करना पड़ा है, जो अकसर पूर्वाग्रह और भेदभाव जैसी चीजों से उत्पन्न होता है। उन्होंने कहा कि क्रूर दास प्रथा ने लाखों अफ्रीकियों को जबरन उखाड़ फेंका और मूल अमेरिकियों को विस्थापन का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि भारत में जातिगत असमानताएं पिछड़ी जातियों के लाखों लोगों को प्रभावित कर रही हैं। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि इतिहास आदिवासी समुदायों, महिलाओं, एलजीबीटीक्यूआई समुदाय के लोगों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के पण्रालीगत उत्पीड़न के उदाहरणों से भरा पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से, कानूनी पण्राली ने अकसर हाशिए पर मौजूद सामाजिक समूहों के खिलाफ ऐतिहासिक गलतियों को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अमेरिका की तरह, भारत के कुछ हिस्सों में भी गुलामी को वैध कर दिया गया था।’


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