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संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन

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संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के बाद उनके अभिभाषण की प्रति बृहस्पतिवार को लोकसभा के पटल पर रखी गई और फिर सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में अपनी मंत्रिपरिषद के सदस्यों का परिचय कराया। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले कैबिनेट मंत्रियों, फिर राज्य मंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) और फिर राज्य मंत्रियों के नामों एवं उनसे संबंधित विभागों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने गत नौ जून को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी।

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को बृहस्पतिवार को राज्यसभा में सदन का नेता नियुक्त किया गया। सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन में इसकी घोषणा की। राज्यसभा में बृहस्पतिवार को छह नए सदस्यों ने उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली। कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह, झामुमो के डॉ सरफराज अहमद, भाजपा के प्रदीप कुमार वर्मा, बंसीलाल गुर्जर, माया नारोलिया और बालयोगी उमेशनाथ को उच्च सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई गई। सभापति जगदीप धनखड़ ने नए सदस्यों का सदन में स्वागत किया।

द्रौपदी मुर्मू का संबोधन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले 10 साल के दौरान देश की उपलब्धियों और विकास का आधार गरीबों का सशक्तीकरण रहा है तथा उनकी सरकार ने पहली बार गरीबों को अहसास कराया कि वह उनकी सेवा में है। मुर्मू ने 18वीं लोकसभा में पहली बार संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने गरीबों के जीवन की गरिमा से लेकर उनके स्वास्थ्य तक को राष्ट्रीय महत्व का विषय बनाया है। मुर्मू ने कहा कि सरकार पेपर लीक की हालिया घटनाओं की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हाल में हुए संसदीय चुनाव के दौरान जम्मू कश्मीर में मतदान के कई रिकॉर्ड टूटने का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इन चुनाव के जरिए घाटी ने देश के दुश्मनों को करारा जवाब दिया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश में 1975 में लागू आपातकाल को ‘संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय’ बताते हुए गुरुवार को कहा कि ऐसे अनेक हमलों के बावजूद देश ने असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त करके दिखाई। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान, बीते दशकों में हर चुनौती, हर कसौटी पर खरा उतरा है और जब संविधान बन रहा था, तब भी दुनिया में ऐसी ताकतें थीं, जो भारत के असफल होने की कामना कर रही थीं। लोकतंत्र को कमजोर करने और समाज में दरारें डालने की साजिश रचने वाली विघटनकारी ताकतों से आगाह करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए नए रास्ते खोजने की जरूरत है।


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