दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने सतर्कता मंत्री आतिशी की उस रिपोर्ट पर विचार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार की ‘प्रथम दृष्टया संलिप्तता’ का आरोप लगाया गया है। राजनिवास के सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि रिपोर्ट पर विचार करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया गया कि यह ‘पूरी तरह से मंत्री के पूर्वाग्रह पर आधारित’ प्रतीत होती है। सक्सेना ने सरकार द्वारा उन्हें सौंपी गई रिपोर्ट पर अपनी टिप्पणी में कहा कि इस रिपोर्ट से ‘जारी जांच में मदद मिलने के बजाय उसमें बाधा पैदा हो सकती है।’ उन्होंने फाइल में की गई टिप्पणी में कहा, ‘मुझे माननीय (सतर्कता) मंत्री द्वारा प्रस्तुत और माननीय मुख्यमंत्री द्वारा समर्थित ‘शिकायतों’ पर ‘प्रारंभिक रिपोर्ट’ मिली है। यह आश्चर्यजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है कि सतर्कता से संबंधित संवेदनशील मामलों से जुड़ी यह रिपोर्ट गोपनीय लिफाफे में मेरे सचिवालय को भेजी गई है, लेकिन यह पहले से ही सार्वजनिक हो चुकी है और इसकी डिजिटल/इलेक्ट्रॉनिकप्रतियां खुले तौर पर उपलब्ध हैं तथा इसके विवरण के बारे में मीडिया में व्यापक रूप से खबरें प्रसारित की गई हैं।’
इसमें कहा गया है कि रिपोर्ट का चु¨नदा हिस्सा मीडिया में कथित तौर पर लीक हो गया है, जिसे देखते हुए ‘प्रथम दृष्टया’ ऐसा प्रतीत होता है कि इस कथित जांच का मकसद सच्चाई का पता लगाना नहीं, बल्कि ‘मीडिया ट्रायल’ शुरू करना और इस पूरे मुद्दे का राजनीतिकरण करना है जबकि यह मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है।
उन्होंने कहा, ‘कोई भी यह सोचने पर मजबूर हो सकता है कि क्या यह सार्वजनिक पूर्वाग्रह पैदा करने जैसा नहीं है, जिसका उद्देश्य माननीय अदालतों को प्रभावित करना है।’