दिल्ली हाईकोर्ट ने करीब 360 स्कूल बसें मुहैया करने की एक याचिका पर सोमवार को शहर की सरकार को अपना रुख बताने को कहा। यह याचिका, उत्तर-पूर्वी जिले में कई सरकारी स्कूलों में पढाई कर रहे छात्रों को अन्य जिलों में स्थित स्कूल पहुंचाने और वापस लाने की व्यवस्था करने के वास्ते दायर की गई है। गैर सरकारी संस्था सोशल जूरिस्ट की याचिका में आरोप लगाया गया है कि उत्तर-पूर्वी जिले में सरकारी स्कूल पूर्णकालिक शिक्षा नहीं प्रदान कर रहे हैं क्योंकि ये दिन में केवल दो घंटे या एक-एक दिन के अंतराल पर संचालित किये जा रहे हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी किया और दिल्ली सरकार के वकील को निर्देश प्राप्त करने के लिए वक्त दिया। पीठ की सदस्य न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्ण ने कहा कि याचिकाकर्ता बच्चों के जिले में स्कूल भवन का निर्माण कार्य जारी रहने के कारण उन्हें अन्य स्कूलों में भेजने के लिए केवल 367 बसें मांग रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा कि उत्तर-पूर्वी जिले में स्कूलों की प्रत्येक कक्षा में 45 से लेकर 190 छात्र हैं, जबकि नियम के मुताबिक 40 छात्र ही होने चाहिए। याचिका में कहा गया है कि उत्तर-पूर्वी जिले खजूरी, सभापुर, सोनिया विहार और करावल नगर आदि इलाकों में कुछ सरकारी स्कूल केवल दो घंटे संचालित हो रहे हैं या एक-एक दिन के अंतराल पर खुलते हैं। मामले की अगली सुनवाई 28 नवम्बर को होगी।