लोकसभा अध्यक्ष को सर्वसम्मति से नियुक्त करने के लिए एनडीए और विपक्षी गठबंधन के आम सहमति पर पहुंचने में विफल रहने के बाद, कांग्रेस पार्टी ने इसको लेकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अध्यक्ष की नियुक्ति को एक “प्रतिस्पर्धा” बनाने के लिए पीएम मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री के लिए एक व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार है।
जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट पर लिखा कि सर्वसम्मति और सहयोग को लेकर हिपोक्रेसी से भरे अपने प्रवचन के बमुश्किल 24 घंटे बाद ही नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने लोकसभा स्पीकर पद के लिए चुनाव को अनिवार्य बना दिया है। उन्होंने कहा कि परंपरा यह रही है कि स्पीकर का चुनाव सर्वसम्मति से होता है और डेप्युटी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलता है। नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने इस परंपरा को तोड़ा है। दरअसल यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। प्रधानमंत्री अभी भी 2024 के चुनावी नतीजों की वास्तविकता को नहीं समझ रहे हैं – जो कि उनके लिए व्यक्तिगत, राजनीतिक और नैतिक हार है।
रमेश की यह टिप्पणी पीएम मोदी के उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार भारत के लोगों के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आम सहमति बनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा था कि पिछले 10 वर्षों में हमने हमेशा एक परंपरा को लागू करने का प्रयास किया है क्योंकि हमारा मानना है कि सरकार चलाने के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है लेकिन देश चलाने के लिए आम सहमति सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए, हमारा निरंतर प्रयास रहेगा कि हम सबकी सहमति से, सबको साथ लेकर, मां भारती की सेवा करें और 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करें। हम संविधान की पवित्रता को बनाए रखते हुए, सबको साथ लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं और निर्णयों में तेजी लाना चाहते हैं।