नई दिल्ली। कोलकाता के रेप और र्मडर मामले में डॉक्टरों की हड़ताल सोमवार को आठवें दिन भी जारी रही। इसके चलते से देश भर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं और मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। उधर स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून की मांग कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों की सुरक्षा तैनाती में 25 प्रतिशत वृद्धि की मंजूरी दे दी है। साथ ही मंत्रालय ने डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने का आग्रह किया है।
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल के अलावा, सरकारी अस्पतालों द्वारा सुरक्षा समीक्षा किए जाने के बाद उनकी मांग के आधार पर मार्शलों की तैनाती को भी मंजूरी दी जाएगी। हालांकि, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि आर.जी. कर अस्पताल मामले के आधार पर केंद्रीय कानून लाने से ‘कोई बड़ा अंतर नहीं आएगा’ क्योंकि कोलकाता के इस अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या का मामला मरीज-डॉक्टर हिंसा का मामला नहीं था। अपराध और बलात्कार के मामले पहले से ही मौजूदा कानूनों के अंतर्गत आते हैं। सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, कर्नाटक और केरल सहित 26 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून पारित किए हैं। इन सभी राज्यों में ये अपराध सं™ोय और गैर-जमानती हैं।
कुछ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के साथ बैठकें की गई हैं और उन्हें भी इन पहलुओं के बारे में समझाया गया है। सूत्रों ने बताया कि डीजीएचएस की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी जो अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए सुरक्षा और सुविधाओं के विभिन्न पहलुओं जैसे ड्यूटी रूम, काम के घंटे और स्थितियां तथा कैंटीन सेवाओं पर गौर करेगी। सूत्र ने कहा, ‘अस्पताल सार्वजनिक सुविधाएं हैं, इसलिए उन्हें किले में नहीं बदला जा सकता।