नई दिल्ली । गर्मी का टूटता रिकार्ड अब लोगों की जान पर भरी पड़ने लगा है। भीषण गर्मी के चलते दिल्ली के अस्पतालों में गर्मी और लू लगने के मामलों और मौतों में वृद्धि देखी जा रही है। केंद्र द्वारा संचालित राममनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में पिछले दो दिन में 22 मरीज लाए गए। अस्पताल में पांच मौतें हुई हैं और 12 से 13 मरीज जीवनरक्षक पण्राली पर हैं। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘पीड़ितों को कोई अन्य बीमारी नहीं थी। इसी तरह सफदरजंग अस्पताल में हीटस्ट्रोक के कुल 60 मरीज आए, जिनमें से 42 को भर्ती किया गया। अस्पताल ने छह लोगों की मौत की सूचना दी है, जिसमें 60 वर्षीय एक महिला और 50 वर्षीय एक पुरुष शामिल हैं, जिनकी मंगलवार को मौत हो गई। लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, पिछले दो दिन में हीटस्ट्रोक के कारण चार मरीजों की मौत हो गई है। अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मंगलवार को संदिग्ध हीटस्ट्रोक के कारण दो मौतें हुईं और बुधवार को भी दो लोग हताहत हुए। हीटस्ट्रोक के 16 मरीज भर्ती हैं।’
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में प्रतिदिन बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में हीटस्ट्रोक के 30 से 35 मामले सामने आ रहे हैं। अस्पताल के आंतरिक चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डॉ. अतुल कक्कड़ ने कहा, ‘‘ओपीडी में, चिकित्सा सुविधाएं गर्मी से होने वाली बीमारियों से संबंधित साप्ताहिक 30 से 35 मामलों की रिपोर्ट कर रही हैं। इनमें मांसपेशियों में ऐंठन और थकावट जैसी स्थितियां शामिल हैं। भीषण गर्मी के कारण ल्यूपस का प्रकोप बढ़ रहा है जो त्वचा, जोड़ों और गुर्दे के अलावा अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है। ल्यूपस से पीड़ित लोगों को अक्सर तापमान बढ़ने के साथ ही लक्षण बढने लगते हैं।