कहा, सरकार वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है और इन्हें सरकारी संपत्तियां बताने की कोशिश कर रही है
संचार टाइम्स डेस्क। सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ओवैसी का कहना है कि सरकार वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है और इन्हें सरकारी संपत्तियां बताने की कोशिश कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ संपत्तियां सरकारी संपत्तियां नहीं हैं, बल्कि ये मुस्लिम समुदाय द्वारा वक्फ बोर्ड को दान की गई संपत्तियां हैं।
दिल्ली में भी सरकार ने वक्फ की 200 संपत्तियों को अपने अधीन ले लिया है
ओवैसी ने कहा, “संरचना समिति के अध्याय 11 में वक्फ संपत्तियों का उल्लेख है, जिसमें 6 राज्यों का भी उल्लेख किया गया है, जहां सरकार ने वक्फ संपत्तियों को अपने अधीन ले लिया है। दिल्ली में भी सरकार ने वक्फ की 200 संपत्तियों को अपने अधीन ले लिया है। मोदी सरकार वक्फ को खत्म करने की कोशिश कर रही है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियों को डीड के जरिए रजिस्टर करने की मांग कर रही है, और अगर डीड नहीं लाएंगे तो रजिस्ट्रेशन नहीं होगा, जिससे सरकार उन संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लेगी।
हमें सरकार ने नहीं दीं, बल्कि हमारे मुस्लिम भाइयों ने इन्हें दान में दिया है
ओवैसी ने कहा कि वक्फ संपत्तियां निजी संपत्तियां हैं और इन्हें सार्वजनिक संपत्ति की तरह नहीं माना जा सकता। उन्होंने सवाल किया, “आप इसे सार्वजनिक संपत्ति की तरह कैसे मान सकते हैं? यह हमें सरकार ने नहीं दीं, बल्कि हमारे मुस्लिम भाइयों ने इन्हें दान में दिया है।”
केंद्र सरकार ने हाल ही में लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया था, जिसका विपक्ष ने विरोध किया। विपक्ष के हंगामे को देखते हुए विधेयक को जांच के लिए जेपीसी के पास भेजा गया है। जेपीसी की अध्यक्षता जगदंबिका पाल कर रहे हैं, और इसमें पक्ष और विपक्ष के कई सांसद शामिल हैं, जिनमें असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं। जेपीसी की पहली बैठक हाल ही में हुई थी, और जल्द ही इस मुद्दे पर फिर से बैठक होगी।