कहा कि राज्य में लोगों की एकता उनका सबसे बड़ा हथियार है और उन्हें न तो विभाजित किया जा सकता है और न ही चुप कराया जा सकता है
ST.News Desk : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रमुख हेमंत सोरेन ने गुरुवार को झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से पहले एकता और सामाजिक न्याय के लिए अपने संघर्ष को दोहराया। उन्होंने कहा कि राज्य में लोगों की एकता उनका सबसे बड़ा हथियार है और उन्हें न तो विभाजित किया जा सकता है और न ही चुप कराया जा सकता है।
सोरेन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “हमें न तो विभाजित किया जा सकता है और न ही चुप कराया जा सकता है। जब भी हमें पीछे धकेलने की कोशिश की जाती है, हम आगे बढ़ जाते हैं।” उन्होंने भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जब भी हमारी आवाज़ दबाने की कोशिश की जाती है, हमारी विद्रोह की आवाज़ और भी तेज़ हो जाती है।
झामुमो नेता ने मोरहाबादी मैदान में एक समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जिसमें एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई शीर्ष नेता शामिल हुए।
हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि आज का दिन सिर्फ राजनीतिक जीत का नहीं, बल्कि झारखंडी लोगों के संघर्ष और स्वशासन (अबुआ सरकार) की दिशा में उनके लगातार संघर्ष को मनाने का दिन है। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता आज भी लोकतंत्र के दबाव के बावजूद एकजुट खड़ी है और हर गांव, हर शहर में एक आवाज़ गूंज रही है – “अधिकार, समानता, और एकता का मतलब है झारखंडियत।”