
ST.News Desk : दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अभियोजन की मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद उन्हें नई कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा 14 फरवरी, 2025 को किए गए अनुरोध के बाद 18 फरवरी, 2025 को यह मंजूरी दी गई।

गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा प्रस्तुत किए गए सबूतों के आधार पर जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सामग्री मौजूद होने की पुष्टि की। इस मंजूरी के बाद मामले की सुनवाई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 2018 के तहत की जाएगी।
सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर 2015-2016 में शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया, जहां वे लंबे समय तक हिरासत में रहे। हालांकि, 18 अक्टूबर 2023 को दिल्ली की एक अदालत ने मुकदमे में देरी और लंबी कैद को मुख्य कारण मानते हुए उन्हें जमानत दे दी थी।
आप पार्टी ने इसे भाजपा की साजिश बताया
जैन की जमानत पर सुनवाई के दौरान ईडी ने उनकी रिहाई का विरोध करते हुए यह तर्क दिया था कि यदि उन्हें रिहा किया गया तो वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, आप नेताओं ने अदालत के जमानत के फैसले को सत्य की जीत और भाजपा की साजिश की हार बताया।
इससे पहले 26 मई 2023 को जैन को मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी, जब उन्होंने स्पाइनल सर्जरी करवाई थी। अब राष्ट्रपति द्वारा अभियोजन की मंजूरी मिलने के बाद, सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला कोर्ट में चलेगा। अगर उन्हें दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें गंभीर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उनके राजनीतिक करियर और प्रमुख चुनावों से पहले AAP की प्रतिष्ठा पर असर पड़ सकता है।
