
ST.News Desk

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारियों की सुविधा बढ़ाने के लिए EPFO 3.0 पेश किया है। इसके तहत पीएफ खाते से आंशिक निकासी के नियमों में अहम बदलाव किए गए हैं। केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने 13 अक्टूबर को हुई बैठक में इन बदलावों को मंजूरी दी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने की।
EPFO 3.0 के तहत बेरोजगारी की स्थिति में अब कर्मचारी अपने पीएफ खाते में जमा राशि का 75% हिस्सा तुरंत निकाल सकते हैं, जबकि पूरी निकासी 12 महीने तक लगातार नौकरी न होने पर संभव होगी। पहले एक महीने बाद 75% और दो महीने बाद शेष 25% निकासी का प्रावधान था।
नौकरी छूटने के बाद पेंशन निकासी के नियम भी बदले गए हैं। पहले दो महीने बाद पेंशन राशि निकाली जा सकती थी, लेकिन अब यह सुविधा 36 महीने बाद ही मिलेगी।
कंपनी बंद होने की स्थिति में अब कर्मचारी अपने EPF कॉर्पस का केवल 75% ही निकाल सकेंगे, जबकि 25% न्यूनतम बैलेंस के रूप में खाते में रखना अनिवार्य होगा। पहले पूरी राशि निकासी की अनुमति थी।
मेडिकल खर्च के लिए निकासी के नियमों में संरचना पहले जैसी ही रखी गई है, लेकिन अब इसके लिए कम से कम 12 महीने की समान सेवा शर्त लागू होगी।
शिक्षा और विवाह से जुड़ी निकासी में भी राहत दी गई है। अब नौकरी के दौरान शिक्षा के लिए 10 बार और विवाह से जुड़े खर्चों के लिए 5 बार तक राशि निकाली जा सकेगी। पहले यह सीमा क्रमशः 3 और 2 बार थी।
घर खरीदने या निर्माण के लिए आंशिक निकासी के मामले में अब सभी तरह की निकासी के लिए न्यूनतम 12 महीने की नौकरी जरूरी होगी। इससे पहले 24 से 36 महीने की सेवा शर्त लागू थी।
EPFO 3.0 के ये बदलाव कर्मचारियों को जरूरत के समय अधिक लचीलापन और आर्थिक सहारा प्रदान करने के उद्देश्य से किए गए हैं।

