crossorigin="anonymous"> ...झारखंड की बेटी, नक्सल प्रभावित गांव से भरी सपनों की उड़ान - Sanchar Times

…झारखंड की बेटी, नक्सल प्रभावित गांव से भरी सपनों की उड़ान

Spread the love

झारखंड। जहां चाह वहां राह की उक्ति एक बार फिर नक्सल प्रभावित गांव गोखुलाबागी की युवती ने चरितार्थ किया है। बारियातू थाना अंतर्गत डाढ़ा पंचायत के गोखुलाबागी की युवती रश्मी ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल में सिपाही (जनरल ड्यूटी) पद पर चयनित होकर क्षेत्र के अन्य युवतियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई है।
अपने माता-पिता से लेती रहीं प्रेरणा
जानकारी के अनुसार, रामपति उरांव की पुत्री रश्मी कुमारी (23) ने 2017 में मैट्रिक उतीर्ण कर स्नातक 2022 में पूरी की। इसके बाद अपने पहले ही प्रयास में रश्मी 2023 में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के लिए चयनित हो गई।
अपनी सफलता पर रश्मी ने बताया कि शिक्षा के दौरान ही मां अनिता देवी, पिता रामपति उरांव की प्रेरणा से आत्मबल मिलता रहा, जिसके कारण मुझे सफलता प्राप्त करने की लालसा बनी रहती थी। मुझे जैसे ही मौका मिला देश सेवा के लिए अपना योगदान सीमा बल के क्षेत्र में दी।

नक्सल प्रभावित रहे गोखुलाबागी गांव की रश्मी की सफलता पर पूरे बारियातू प्रखंड में खुशी का माहौल है। वहीं बारियातू थाना प्रभारी मुकेश कुमार चौधरी, थाना सामाजिक विकास समिति के सदस्यों ने रश्मी कुमारी को थाना परिसर में शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

थाना प्रभारी ने कहा कि अभावों के बीच जब कोई विद्यार्थी मुकाम बनाता है, तो मन को संतोष मिलता है। रश्मी की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि यहां की लड़कियों में प्रतिभा की भरमार है बस उन्हें सही मार्गदर्शन और मंच मिलने की देर है।

इस मौके पर एसआई बिंदेश्वर महतो, एएसआई मिथलेश कुमार सिंह, सहित संजय सिंह, उमेश सिंह, राकेश कुमार, तुला गंझू सालिम नाज, उपेन्द्र कुमार उपस्थित थे।

भारत-चीन संघर्ष के उपरांत देश की उत्तरी सीमाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 24 अक्टूबर, 1962 को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपीएफ) का गठन किया गया। इसकी शुरुआत केवल चार पलटनों के एक छोटे से दल के रूप में हुई, जो अब 45 सेवा पलटनों और चार विशेषीकृत पलटनों का वृहत रूप ले चुका है।

इसका का मुख्य कार्य भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा और रखवाली करना, सीमा की जनता को सुरक्षा की भावना प्रदान करना, महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों का निर्वहन और आपदा प्रबंधन करना है।


Spread the love