अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण काफी जोर-शोर से चल रहा है। जानकारी के मुताबिक अगले साल जनवरी महीने में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी जाएगी। इसके बाद आम लोगों के दर्शन के लिए इसे खोल दिया जाएगा। हालांकि श्री रामजन्मभूमि की सुरक्षा को लेकर भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक से रामजन्म भूमि की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा बल की पहली टीम अयोध्या पहुंच गई है। इसमें 380 जवान है। यह जवान एसएसएफ की तीन कंपनियों के हैं। इन्हें 10 दिनों का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद इनकी अयोध्या में तैनाती की जाएगी। जानकारी के मुताबिक पीएसी जवानों के साथ मिलकर यह बल श्री राम जन्मभूमि के आंतरिक परिसर और उससे सटे बारी परिसरों की सुरक्षा की देखभाल करेगा।
खबर यह भी है कि अयोध्या को कुल एसएसएफ की छह कंपनी मिलनी है। पहले चरण में 3 कंपनी दी गई है। इसके बाद तीन कंपनी और भी आएंगे। प्रस्तावित प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी में ट्रस्ट अभी से ही जुटा हुआ है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा तंत्र को मजबूत किया जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहुंचने की संभावनाएं हैं। इससे पहले वहां सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किया जाना जरूरी है श्री राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भ फ्री में रामलला की प्रतिमा 51 इंच लंबी होगी इसमें प्रभु राम की बाल स्वरूप के दर्शन होंगे।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नवनिर्मित मंदिर में रामलला के विराजमान होने से पहले कई बैठकें कर रहा है। इसी बीच कारसेवकपुरम में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हई है। इस बैठक में रामलला के पूजन अर्चना के कार्यक्रम को लेकर कई अहम सुझाव देखने को मिले है। इन सुझावों पर अब तक मुहर नहीं लगी है। मगर ये सुझाव वैष्णव संप्रदाय की परंपराओं के अनुसार ही सामने आई है। गौरतलब है कि नवनिर्मित राममंदिर में भगवान रामलला को विराजमान करने का मुहूर्त तय हो चुका है। माना जा रहा है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 16 जनवरी से 24 जनवरी के बीच होगी और इस दौरान विधि विधान के साथ कई अनुष्ठान किए जाएंगे। उनके विराजमान होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी पहली आरती उतारेंगे। इस दौरान कई साधु संत और अतिथि मौजूद होंगे।