झारखंड में बीते दिनों कुर्मी आंदोलन के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला करने के आरोप में समुदाय के प्रमुख नेता अमित महतो समेत 19 लोगों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया। दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर डिवीजन अंतर्गत मनोहरपुर में घाघरा हॉल्ट पर 20 सितंबर को रेल चक्का जाम के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया। अमित महतो ने कुर्मी आंदोलन का नेतृत्व किया था। पश्चिमी सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर ने कहा कि बुधवार को आदिवासी कुर्मी समाज के आंदोलन के आह्वान के मद्देनजर घाघरा हॉल्ट के आसपास धारा 144 (निषेधाज्ञा) लागू थी। इसके बावजूद, सैकड़ों आंदोलनकारी सुबह आठ बजे से ही पटरियों पर बैठ गए, जिससे रेल सेवाएं बाधित हो गईं।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने लाठियों से हमलाकर एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट और कुछ पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया। एसपी ने कहा कि सुबह लगभग नौ बजे ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने आंदोलनकारियों को बताया कि सरकार के उनकी मांगों पर बातचीत के लिए राजी होने के बाद कर्मी संगठनों की केंद्रीय समिति के नेताओं ने आंदोलन वापस ले लिया है। लेकिन, महतो ने मजिस्ट्रेट पर आंदोलन को विफल करने की कोशिश करने का आरोप लगाकर भीड़ को उकसाया। जिसके कारण आंदोलनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर लाठियों से हमला करना शुरू कर दिया और ईंट-पत्थर फेंकने लगे। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस संबंध में पश्चिमी सिंहभूम के मनोहरपुर थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत महतो सहित 36 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। फिलहाल, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
जानें क्या है मामला कुर्मी संगठनों ने समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने और कुरमाली भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए 20 सितंबर को पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा के कुछ हिस्सों में रेल रोको आंदोलन की घोषणा की थी। हालांकि, सरकार से बातचीत का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने आंदोलन को स्थगित कर दिया था। इसके बाद भी झारखंड में कुछ कुर्मी संगठनों ने रेल रोकने की कोशिश की थी।