ईडी ने धनशोधन संबंधी एक मामले की जांच के तहत दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राज कुमार आनंद के परिसरों और कुछ अन्य स्थानों पर बृहस्पतिवार को छापा मारा। उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल आबकारी नीति से संबंधित मामले में पूछताछ के लिए बृहस्पतिवार को ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए और जांच एजेंसी को पत्र लिखकर उन्हें पूछताछ के लिए भेजा गया नोटिस वापस लेने की मांग की तथा दावा किया कि यह नोटिस ‘गैरकानूनी एवं राजनीति से प्रेरित’ है।
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के सिविल लाइन्स इलाके में स्थित मंत्री के परिसरों समेत एक दर्जन स्थानों पर सुबह साढ़े सात बजे से छापेमारी की कार्रवाई जारी है। छापा मार रहे निदेशालय के दलों के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक टीम भी है। आनंद के खिलाफ जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन के अलावा सात करोड़ रुपये से अधिक की सीमा शुल्क चोरी के लिए आयात की गलत जानकारी देने को लेकर आरोप पत्र दायर किया था। यह जांच इसी आरोप पत्र से जुड़ी है। उन्होंने बताया कि एक स्थानीय अदालत ने हाल में डीआरआई अभियोजन की शिकायत पर संज्ञान लिया था जिसके बाद ईडी ने आनंद और कुछ अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया। आनंद (57) अर¨वद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार में सामाजिक कल्याण और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री हैं। वह पटेल नगर से विधायक हैं।
उधर, मुख्यमंत्री केजरीवाल ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए और जांच एजेंसी को पत्र लिखकर उन्हें पूछताछ के लिए भेजा गया नोटिस वापस लेने की मांग की तथा दावा किया कि यह नोटिस ‘गैरकानूनी एवं राजनीति से प्रेरित’ है। सूत्रों के अनुसार, ईडी के अब उन्हें नया समन जारी करने की संभावना है। इससे पहले दिन में केजरीवाल मध्य प्रदेश के सिंगरौली गए, जहां उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ एक रोडशो में हिस्सा लिया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि जांच एजेंसी के नोटिस पर अपने जवाब में केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि समन ‘गैरकानूनी, राजनीति से प्रेरित’ है और इसका उद्देश्य उन्हें चुनावी राज्यों में चुनाव प्रचार अभियान में हिस्सा लेने से रोकना है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि यह ‘अस्पष्ट, (राजनीति से) प्रेरित और कानून के मुताबिक विचारणीय नहीं’ है। उन्होंने दावा किया कि अनावश्यक पूछताछ के लिए उन्हें यह नोटिस भाजपा के इशारे पर भेजा गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि जांच एजेंसी ने उन्हें किस हैसियत से पूछताछ के लिए बुलाया है? उन्होंने कहा, ‘उक्त समन में यह स्पष्ट नहीं है कि उन्हें एक गवाह या संदिग्ध, किस हैसियत से पूछताछ के लिए बुलाया गया है।’ उन्होंने यह भी कहा कि नोटिस में उन्हें पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बारे में कोई विस्तृत जानकारी या कारण नहीं बताया गया है।
केजरीवाल ने कहा, ‘उक्त समन में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि मुझे एक व्यक्ति के तौर पर बुलाया गया है या दिल्ली के मुख्यमंत्री के आधिकारिक पद पर बैठे व्यक्ति के तौर पर अथवा आप के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर।’ मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि प्रतीत होता है कि नोटिस (राजनीति से) प्रेरित है। उन्होंने कहा, ‘30.10.2023 की दोपहर जैसे ही समन भेजा गया भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने बयान देना शुरू कर दिया कि जल्द मुझे तलब किया जाएगा और गिरफ्तार किया जाएगा।