रूस के विदेश मंत्रालय ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की रूस यात्रा को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग एवं रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का अवसर बताया है। भारतीय विदेश मंत्री 25 से 29 दिसंबर तक रूस के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और उप प्रधानमंत्री एवं उद्योग व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ चर्चा की। उन्होंने अपने रूसी समकक्ष सग्रेई लावरोव से भी मुलाकात की।
विदेश मंत्री ने व्यापार और आर्थिक मुद्दों, ऊर्जा, रक्षा, कनेक्टिविटी, सांस्कृतिक संबंधों, लोगों से लोगों के बीच संपर्क और दोनों देशों के बीच सहयोग को लेकर विचारों का व्यापक आदान-प्रदान किया। उन्होंने बहुपक्षीय सहयोग सहित वैिक और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर भी अपने विचार साझा किए। उनकी रूस यात्रा के दौरान कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से संबंधित तीन दस्तावेजों, औषधि और स्वास्थ्य सेवा में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन तथा विदेश कार्यालय परामर्श संबंधी प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए। बुधवार को क्रेमलिन में जयशंकर की पुतिन से मुलाकात के दौरान रूसी राष्ट्रपति ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले साल रूस आने का निमंतण्रदिया।
अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से 21 वाषिर्क शिखर सम्मेलन हो चुके हैं। पिछला शिखर सम्मेलन दिसंबर 2021 में नई दिल्ली में हुआ था।