अंतरिम बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए राज्य में कई विकास-सक्षम सुधारों की आवश्यकता है। राज्य सरकारों द्वारा मील के पत्थर से जुड़े सुधारों का समर्थन करने के लिए इस वर्ष 50-वर्षीय ब्याज-मुक्त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि मैं आयात शुल्क सहित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के लिए समान कर दरों को बनाए रखने का प्रस्ताव करती हूं। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान सकल घरेलू उत्पाद का 5.8% है, नाममात्र वृद्धि अनुमान में कमी के बावजूद बजट अनुमान में सुधार हुआ है।
सीतारमण ने कहा कि आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं। प्रत्यक्ष और परोक्ष कर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा। वित्त वर्ष 2024-25 में 30.80 लाख करोड़ रुपये की कुल प्राप्तियां (उधारी को छोड़कर) रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि कर रिटर्न की प्रक्रिया में लगाने वाला समय 2014 में 93 दिन से घटकर अब 10 दिन रह गया है, रिफंड तेजी से किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आकांक्षी जिलों और ब्लॉकों के तेजी से विकास में राज्यों की मदद करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार 2014 से पहले के वक्त के आर्थिक कुप्रबंधन पर श्वेतपत्र लेकर आएगी।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि घरेलू पर्यटन के उत्साह को संबोधित करने के लिए, लक्षद्वीप सहित हमारे द्वीपों पर बंदरगाह कनेक्टिविटी, पर्यटन बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए राज्य में कई विकास-सक्षम सुधारों की आवश्यकता है। राज्य सरकारों द्वारा मील के पत्थर से जुड़े सुधारों का समर्थन करने के लिए इस वर्ष 50-वर्षीय ब्याज-मुक्त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1% रहने का अनुमान है।