crossorigin="anonymous"> गुरुकुल और नवीन शिक्षा का नायाब संगम - Sanchar Times

गुरुकुल और नवीन शिक्षा का नायाब संगम

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राकेश श्रीवास्तव
(वरिष्ठ पत्रकार)


दिल्ली के लाजपत नगर स्थित बाबा नेभराज सीनियर सेकेंडरी स्कूल शिक्षा के स्तर को उन्नत और समृद्ध करने वाले एनसीईआरटी का सूत्र वाक्य ‘सा विद्या या विमुक्तये’ को वस्तुत: चरितार्थ कर रहा है। यहां आज भी शिक्षा के साथ साथ बच्चों में संस्कार और संस्कृति का समावेश देखने को मिलता है। जहां एक ओर इस स्कूल में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली जैसी नैतिकता, आचार-विचार, बड़ों का सम्मान तथा सहृदयता सिखाई जाती है वहीं दूसरी ओर नवीन शिक्षा पद्धति के सभी प्रतिमानों जैसे हैप्पीनेस, देशभक्ति एवं स्वास्थ्य शिक्षा को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।


दिल्ली सरकार से सहायता प्राप्त यह एकमात्र लिंग्विस्टिक माइनॉरिटी स्कूल है। सिंधी एजुकेशन सोसायटी द्वारा चलाए जा रहे इस स्कूल की स्थापना 1956 में हुई थी। वर्तमान में सिंधी एजुकेशन सोसाइटी के प्रेसिडेंट शंभू जयसिंघानी, सेक्रेटरी केआर मंजानी एवं चेयरमैन धीरज नवानी द्वारा बाबा नेभराज सीनियर सेकेंडरी स्कूल का कामयाब संचालन किया जा रहा है।

दिल्ली में यह एकमात्र सिंधी स्कूल है जहां सिंधी भाषा अनिवार्य विषय के रूप में कक्षा 1 से कक्षा 10 तक पढ़ाई जाती है। स्कूल का विगत कई वर्षो से सीबीएसई की 10वीं एवं 12वीं का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत आता रहा है। शैक्षणिक उपलब्धियों के साथ साथ इस स्कूल के छात्र खेल, संगीत एवं कला आदि क्षेत्रों में भी जोनल लेवल, स्टेट लेवल और नेशनल लेवल पर नाम रोशन कर रहे हैं। छात्रों के समग्र विकास के लिए स्कूल में समय समय पर सह-पाठ्यक्रम गतिविधियां, खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य गतिविधियां होती रहती हैं, इससे यहां के विद्यार्थी न केवल विद्यालय में अपितु सुगढ़ नागरिक के रूप में संपूर्ण देश एवं समाज की उन्नति एवं विकास में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं।


मैनेजर सुंदर जोतसिंघानी ने बताया, सिंधी एजुकेशन सोसायटी शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समुदाय द्वारा संचालित स्कूल में शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है। कई सिंधी संगठन और परोपकारी लोग शैक्षिक कार्यों में योगदान देते हैं।

सुंदर जोतसिंघानी , मैनेजर


प्रधानाचार्या श्रीमती ज्योति डावर ने बताया, बाबा नेभराज सीनियर सेकेंडरी स्कूल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए जाना जाता है। स्कूल एक व्यापक पाठ्यक्रम प्रदान करता है जिसका उद्देश्य छात्रों में शैक्षिक उत्कृष्टता के साथ साथ उनका समग्र विकास करना है। स्कूल में सिंधी भाषा एक विषय के रूप में पढ़ाई जाती है, जिससे सिंधी समुदाय के छात्र अपनी मातृभाषा सीख सके।

प्रधानाचार्या श्रीमती ज्योति डावर, बाबा नेभराज सीनियर सेकेंडरी स्कूल

भारत में सिंधी शिक्षा सरकार, सामुदायिक संगठनों और शैक्षिक संस्थानों के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है, जिसका उद्देश्य सिंधी भाषा और संस्कृति को संरक्षित करना और बढ़ावा देना है। यहां इसके मुख्य पहलू हैं :
1. भाषा शिक्षा : विभिन्न स्कूल और संस्थान सिंधी भाषा को एक विषय के रूप में पढ़ाते हैं। जिससे समुदाय के बच्चे सिंधी भाषा सीख सकें। कुछ क्षेत्रों में सिंधी एक वैकल्पिक विषय के रूप में उपलब्ध है।
2. संस्कृति संरक्षण : सिंधी शिक्षा में सांस्कृतिक कार्यक्रम, साहित्य, संगीत, नृत्य और त्योहार शामिल होते हैं जो सिंधी परंपराओं को उजागर करते हैं। यह युवाओं में पहचान और सांस्कृतिक निरंतरता बनाए रखने में मदद करता है।
3. सिंधी अकादमियां और सोसायटी : भारत में कई सिंधी अकादमियां और सोसाइटियां हैं, जैसे नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ सिंधी लैंग्वेज (NCPSL) और राज्य-स्तरीय सिंधी अकादमियां। ये संगठन विभिन्न पहलों के माध्यम से सिंधी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने का काम करते हैं, जिनमें कार्यशालाएं, सेमिनार और सिंधी साहित्य का प्रकाशन शामिल है।
4. सरकारी समर्थन :  भारत सरकार सिंधी को अनुसूचित भाषाओं में मान्यता देती है तथा इसके प्रचार-प्रसार के लिए वह पूरा सहयोग देती है। इसके तहत दिल्ली सरकार से स्कूल को 95 प्रतिशत आर्थिक अनुदान शैक्षणिक कार्य के लिए मिलता है।

बाबा नेभराज सीनियर सेकेंडरी स्कूल का आंकलन :
1. शैक्षणिक परिणाम : स्कूल के छात्रों का परीक्षा परिणाम हमेशा अच्छा रहा है। विगत 5 वर्षो से बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों का परिणाम उत्कृष्ट रहा है। यह दर्शाता है कि स्कूल अपने शैक्षणिक उद्देश्यों में सफल है।
2. सर्वागीण विकास : स्कूल में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रमों के अलावा समय समय पर सह-पाठ्यक्रम गतिविधियां, खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते हैं। यहां छात्र इन क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।
3. अभिभावकों और छात्रों की संतुष्टि : अभिभावकों और छात्रों से प्राप्त फीडबैक से पता चलता है कि दोनों स्कूल से संतुष्ट हैं और इसे अन्य लोगों को भी सुझाते हैं।
4. एलुमनाई की कामयाबी: स्कूल के पूर्व छात्र विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहे हैं। चाहे वह उच्च शिक्षा में हो या व्यावसायिक जीवन में, हर जगह स्कूल की गुणवत्ता का प्रतिबिंब हैं।
इन मापदंडों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बाबा नेभराज सीनियर सेकेंडरी स्कूल अपने उद्देश्यों में काफी हद तक सफल हुआ है।


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