ST.News Desk : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत पर लगाए गए बेबुनियाद और गंभीर आरोपों ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। इस स्थिति का असर सामरिक संबंधों पर भी पड़ रहा है। ट्रूडो के गैर-जिम्मेदाराना बयानों ने कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों को उकसाया है, जिन्होंने खुलकर भारत के खिलाफ जहरीले बयान देना शुरू कर दिया है।
इस बीच, खालिस्तानी नेता गुरुपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा में रह रहे हिंदुओं को देश छोड़ने की धमकी दी है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की रिपोर्ट में बताया गया है कि पन्नू भारत को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रहा है। वह मुस्लिमों के लिए “डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऊर्दूस्तान” बनाने का समर्थन करता है।
गुरुपतवंत सिंह पन्नू, जो अलगाववादी समूह ‘सिख फॉर जस्टिस’ का प्रमुख है, पंजाब को भारत से अलग करने की मांग करता है। उसे 2022 में आतंकवादी घोषित किया गया था और उसके खिलाफ 16 मामले दर्ज हैं। पन्नू कनाडा और अमेरिका का नागरिक है, और उसका परिवार 1947 में पाकिस्तान से अमृतसर आया था।
पन्नू ने इंडिया गेट पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को ढाई मिलियन डॉलर देने का प्रस्ताव रखा था और लाल किले पर तिरंगा लहराने से रोकने वाले पुलिसकर्मी को एक मिलियन डॉलर देने की घोषणा की। वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर पंजाब में खालिस्तानी मुहिम को भड़काने का प्रयास कर रहा है।
हालांकि, एनआईए की जांच में खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टरों के बीच गठजोड़ के पुख्ता सबूत मिले हैं, जो पंजाब फिल्म इंडस्ट्री के प्रोड्यूसरों और निर्देशकों को निशाना बना रहे हैं। इस स्थिति से स्पष्ट होता है कि कनाडा में बैठे पन्नू जैसे देशविरोधी तत्वों को आर्थिक रूप से समर्थन प्राप्त है, जो भारत की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है।