
ST.News Desk : दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने राजधानी में सिनेमा घर, थिएटर और मल्टीप्लेक्स को लाइसेंस जारी करने का अधिकार पुलिस से वापस ले लिया है। अब यह अधिकार सरकारी अधिकारियों की एक समिति के पास होगा, जो जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में काम करेगी। राज निवास द्वारा शुक्रवार को जारी आदेश में दिल्ली पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया गया कि वे अपने अधीन अधिकारियों को चलचित्र अधिनियम, 1952 के तहत लाइसेंस से संबंधित सभी कार्यों से तत्काल प्रभाव से अलग करें।


कारोबार को सुगम बनाने की पहल
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल और उदार बनाने तथा दिल्ली में व्यवसाय को आसान बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। अब से, सिनेमा हॉल, थिएटर और मल्टीप्लेक्स के लाइसेंस जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश पर जारी किए जाएंगे।
समिति में होंगे ये सदस्य:
जिला मजिस्ट्रेट (अध्यक्ष)
संबंधित एमसीडी जोन के उपायुक्त
लोक निर्माण विभाग की ओर से नामित एक संरचनात्मक इंजीनियर
दिल्ली अग्निशमन सेवा की ओर से नामित एक अग्नि सुरक्षा विशेषज्ञ
बिजली विभाग की ओर से नामित एक विद्युत प्रणाली विशेषज्ञ
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का एक प्रतिनिधि
इससे पहले भी हुए बदलाव : इस निर्णय से पहले उपराज्यपाल ने स्विमिंग पूल, होटल, भोजनालय, गेस्ट हाउस, डिस्कोथेक, वीडियो गेम पार्लर, मनोरंजन पार्क और ऑडिटोरियम जैसी सात अन्य व्यवसाय श्रेणियों के लाइसेंस अधिकार भी पुलिस से हटाकर प्रशासन को सौंप दिए थे।
यह कदम दिल्ली में व्यवसाय शुरू करने की प्रक्रिया को कम जटिल और अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सुधार माना जा रहा है। इससे निवेश को बढ़ावा मिलने और नागरिक सेवाओं में तेजी आने की उम्मीद है।
