crossorigin="anonymous"> यूपी में बाढ़ से हाल बेहाल, 54 की मौत - Sanchar Times

यूपी में बाढ़ से हाल बेहाल, 54 की मौत

Spread the love

गण्डक उफनायी, महराजगंज-कुशीनगर में हालात बिगड़ने की आशंका

लखनऊ। यूपी में बाढ़ के हालात और भी खराब हो गये हैं। नेपाल सहित पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश के चलते खतरे के निशान के ऊपर बह रही घाघरा, राप्ती, शारदा, ककरही तथा क्वानों नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिससे बाढ़ नये इलाकों में फैल रही है। आठ नये जिलों के बाढ़ की चपेट में आने से बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या बढ़कर 16 हो गयी है। इसके साथ ही बीते चौबीस घंटों के दौरान बाढ़ के चलते 54 लोगों की मौतें हुई हैं। जिसमें सबसे अधिक डूबने से 43 लोग मरे हैं। हालांकि गंगा नदी का जलस्तर कम हुआ है और वह खतरे के निशान के नीचे चली गयी है।
पड़ोसी देश नेपाल में अतिवृष्टि के कारण सीमावर्ती 16 जिलों की करीब 70 लाख की आबादी बाढ़ से अधिक प्रभावित है। बाढ़ की वजह से सबसे अधिक 12 लोगों की मौत प्रतापगढ़ में हुई है। सब बाढ़ के पानी में डूब कर मरे हैं। इसके अलावा सुलतानपुर में 7, चंदौली में 6, प्रयागराज में 4, फतेहपुर में 4, एटा में 2, हमीरपुर में 2 तथा अमेठी, उन्नाव, इटावा, बांदा तथा सोनभद्र सहित अन्य जिलों में एक-एक मौत हुई है।


नेपाल के नारायाणी बेसिन के ककसी जिले में पिछले 24 घंटों के दौरान 172 मिमी रिकार्ड बारिश होने से गण्डक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे नदी के आसपास बसे महाराजगंज और कुशीनगर में बाढ़ के हालात और भी खराब होने की आशंका है। हालात को देखते हुये राज्य सरकार ने केन्द्र से एसडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें मांगी हैं तथा सेना को अलर्ट रहने को कहा गया है। बाढ़ की चपेट में जो आठ नये जिले आये हैं उनमें मुरादाबाद, आजमगढ़, सीतापुर, बाराबंकी, बलिया, बरेली, बस्ती तथा गोरखपुर है। पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, शाहजहांपुर, गोंडा तथा सिद्धार्थनगर पहले ही बाढ़ की गिरफ्त में थे। इसके अलावा भी यूपी के तीन दर्जन से अधिक जिलों में बाढ़ की स्थित बनी हुई है। इन जिलों के पांच सौ से ज्यादा गांवों की कम से कम पचास हजार की आबादी बाढ़ से घिर गयी है। इन गांवों का सम्पर्क कट गया है और बाढ़ में फंसे लोगों को बचाव दल निकालने में जुटा है। हालांकि सरकार ने अन्य जिलों में बाढ़ आने से इंकार किया है।


ग्राउंड जीरो पर उतरे सीएम ने बांटा पीड़ितों का दर्द

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ पीड़ितों का दर्द जानने बृहस्पतिवार को फिर ग्राउंड जीरो पर उतरे। उन्होंने बाढ़ प्रभावित श्रावस्ती और बलरामपुर का पहले हवाई सर्वे किया और फिर स्थलीय निरीक्षण करके पीड़ितों के जख्मों पर राहत का मरहम लगाया। सीएम ने साफ कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार आपके साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने श्रावस्ती की बाढ़ प्रभावित इकौना तहसील के सभी गांवों का हवाई सर्वे किया। देवी पाटन मंडलायुक्त शशि भूषण सुशील और श्रावस्ती जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने सीएम को बताया कि नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद अचानक पानी छोड़े जाने से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। फिलहाल पानी का स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। इसके बाद सीएम योगी ने लक्ष्मणपुर कोठी राप्ती बैराज का स्थलीय निरीक्षण किया। यहां पर उन्होंने बाढ़ में रेस्क्यू किये गये 11 पीड़ितों से एक-एक कर मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। इस दौरान सीएम ने मौजूद बच्चों को दुलारा। साथ ही उन्हे टॉफी और बिस्किट दिये। सीएम योगी ने बाढ़ में फंसे लोगों की सूचना देने वाली रेखा देवी, गांव के गाइड और 5 पीएसी के जवानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने सभी 7 लोगों को नकद पुरस्कार से सम्मानित करने का ऐलान किया। इसके अलावा आपदा में अपनों को खोने वाले चार परिजनों को 4-4 लाख रु पये की सहायता धनराशि का चेक भी सौंपा। इससे पहले उन्होंने राहत सामग्री किट वितरित की।


उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 12 जनपद बाढ़ से प्रभावित हैं। इसमें 33 तहसील के 633 गांव शामिल हैं, जिसकी करीब 17 लाख 97 हजार की आबादी प्रभावित है। इसमें 18 हजार से अधिक मवेशी भी प्रभावित हैं। 1 लाख 45 हजार से अधिक हेक्टेयर कृषि भूमि भी प्रभावित है। इन इलाकों में 923 से अधिक बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं। सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे कराकर तत्काल मुआवजा देने के साथ आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इसके बाद सीएम योगी ने अतरौला में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री किट वितरित की। इसके अलावा बाढ़ में मृतक के परिजनों को चार-चार लाख की सहायता धनराशि का चेक वितरित किया।


Spread the love