नई दिल्ली (ST.News)। गणोश चतुर्थी के साथ शनिवार को राजधानी दिल्ली शहर में गणोश उत्सव की भी शुरुआत हो गई। सिद्धि विनायक, शक्तिपीठ, सिद्धपीठ मंदिरों में गणोश चतुर्थी के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भींड रही। श्रद्धालुओं ने अपने सामाध्र्य के अनुसार प्रात:काल पूजन अर्चन के साथ ही अपने घर के मंदिरों में गणोश जी की मूर्ति की विधि विधान से स्थापना के साथ प्रथम पूजननीय भगवान गणोश की पूजन अर्चन संपन्न किया। राजधानी में अनेक संस्थाएं पंडाल लगाभर गणोश उत्सव मना रही है। इन मंदिरों में 11 दिनों तक रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणोश की पूजा की जाएगी और भगवान गणोश की शोभायात्रा निकाली जाएगी।
गणोश चतुर्थी के पावन पर्व पर शनिवार को श्री सिद्धिविनायक सेवा ट्रस्ट की ओर से चांदनी चौक के महाराजा के नाम से मशहूर 15वें श्री गणोश जन्मोत्सव की विशाल शोभा यात्रा निकाली गई। श्री सिद्धिविनायक सेवा ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि विशाल शोभा यात्रा में विशेष झांकियां, अतिश बाजी, हाथी, घोडे बग्गियों के साथ शोभा यात्रा श्री श्याम मंदिर भागीरथ पैलेस से चलकर चांदनी चौक, टाउन हॉल नई सडक से होती हुई मारवाड़ी सदन पर जाकर समाप्त हुई। शोभा यात्रा और गणोश जी की मंगल मूर्ति की स्थापना के साथ ही गणोश महोत्सव की शुरु आत हुई। इस अवसर पर रविन्द्र गाडोदिया, संजीव शर्मा, श्रवण खेमका, पवन गाडोदिया, पारग जैन सहित संस्था के कई गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।
श्री गणोश सेवा मंडल लक्ष्मीनगर की ओर से प्रियदर्शनी विहार स्थित डीडीए मिनी क्रिकेट स्टेडियम में दिल्ली का महाराजा 23 वें गणोश महोत्सव का इस बार का थीम विकसित भारत 2047 है। महोत्सव का आयोजन 11 सितम्बर तक किया जाएगा। पंडाल के मुख्य द्वार पर महाराष्ट्र के अष्टविनायक का स्वरूप दिया गया है। श्री गणोश सेवा मंडल के संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र लड्डा के अनुसार हमारी संस्था हर बार प्रगतिशील भारत के नई थीम से लोगों को संदेश देने का प्रयास करती है। पिछले साल हमने चंद्रयान 3 एवं जी 20 को दर्शाया था। इस बार हमारा थीम विकसित भारत 2047 है। जिसके तहत प्रगति का प्रारूप बंदे भारत ट्रेन का मॉडल प्रस्तुत कर रहे हैं। विकसित भारत 2047 के मुख्य स्तंभ, विकास, शिक्षा एवं स्वास्थ एवं फिट इंडिया की झलकियां यहां मिलेगी। श्रीअन्न (मिलेट) को अपनाने के संदेश लोगों तक पहुंचाने के लिए इसबार गणपति बप्पा को श्रीअन्न से बने मोदक का भोग लगाया जाएगा।