crossorigin="anonymous"> सुप्रीम कोर्ट से लालू यादव को राहत नहीं, 'जमीन के बदले नौकरी' मामले में निचली अदालत की कार्यवाही जारी रहेगी - Sanchar Times

सुप्रीम कोर्ट से लालू यादव को राहत नहीं, ‘जमीन के बदले नौकरी’ मामले में निचली अदालत की कार्यवाही जारी रहेगी

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ST.News Desk : भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका देते हुए ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। न्यायालय ने कहा कि इस चरण पर वह सुनवाई में हस्तक्षेप नहीं करेगा और याचिका का निपटारा कर दिया।

यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि इस दौरान भारतीय रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र (जबलपुर) में ग्रुप डी पदों पर की गई भर्तियों में भारी अनियमितताएं हुईं। आरोपों के मुताबिक, नौकरी पाने वाले उम्मीदवारों ने यादव परिवार या उनसे जुड़े लोगों को जमीन के टुकड़े उपहार में दिए या बेचे, जो कथित रूप से भ्रष्टाचार का हिस्सा हैं।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा:
निचली अदालत की कार्यवाही फिलहाल जारी रहेगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित याचिका पर तेजी से सुनवाई हो।
अब तक हाईकोर्ट द्वारा की गई किसी भी टिप्पणी को अंतिम मानना उचित नहीं होगा।
लालू यादव को निचली अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट मिल गई है।

मामला कहाँ तक पहुँचा है?

29 मई को दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्रायल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और सीबीआई को नोटिस जारी किया। 12 अगस्त को इस मामले की अगली सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि जब तक उच्च न्यायालय कोई आदेश नहीं देता, लालू यादव को मुकदमे का सामना करते रहना होगा।

क्या है ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाला?

यह मामला उस समय का है जब लालू यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई का आरोप है कि रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन ली गई। इसके लिए कोई विज्ञापन या चयन प्रक्रिया नहीं अपनाई गई, और कई उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति लालू यादव के परिवार के सदस्यों या उनसे जुड़ी संस्थाओं के नाम की।


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