ST.News Desk : समाजवादी पार्टी (सपा) की नेता डिंपल यादव ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि न तो उनकी पार्टी जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर किसी के साथ खड़ी है और न ही अडानी समूह के विवाद पर उनका कोई पक्ष है। डिंपल यादव का यह बयान तब आया जब समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने अडानी समूह से जुड़े मुद्दों से खुद को अलग कर लिया है और इस विवाद में किसी तरह की राजनीतिक भागीदारी से इनकार किया है।
यह बयान उस समय सामने आया जब अडानी समूह और उसके मालिक गौतम अडानी के खिलाफ विपक्षी दलों ने कई आरोप लगाए थे, जिसमें उनकी कंपनियों के व्यापारिक मामलों और वित्तीय गतिविधियों को लेकर सवाल उठाए गए थे। साथ ही, जॉर्ज सोरोस, जो एक प्रसिद्ध निवेशक हैं, के कथित प्रभाव और उनके द्वारा किए गए बयानों पर भी राजनीति गर्माई हुई थी। कई विपक्षी दलों ने सोरोस के बयान और अडानी के मुद्दे को एक साथ जोड़ने की कोशिश की, लेकिन सपा और TMC ने इससे खुद को स्पष्ट रूप से दूर कर लिया।
डिंपल यादव ने कहा कि उनकी पार्टी इन मुद्दों पर न तो किसी के पक्ष में है और न ही विरोध में, और पार्टी केवल अपने मूल मुद्दों पर केंद्रित है, जैसे बेरोजगारी, किसानों की समस्याएं और समाजवादी विचारधारा को बढ़ावा देना।
सपा और TMC के इस रुख ने यह संकेत दिया है कि वे अपनी राजनीतिक लाइन पर कायम हैं और किसी भी प्रकार की बाहरी प्रभावी मुद्दों पर अपनी पार्टी की नीतियों से समझौता नहीं करेंगे। दोनों दलों ने यह भी साफ किया कि उनका मुख्य उद्देश्य लोगों की सेवा करना और उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना है जो उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं, जैसे गरीबी उन्मूलन, सामाजिक न्याय, और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा।
यह स्थिति खासतौर पर तब महत्वपूर्ण हो गई जब अडानी विवाद ने देश के राजनीतिक माहौल को प्रभावित किया है, और कई विपक्षी दलों ने इसे केंद्र सरकार के खिलाफ एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश की है। वहीं, सपा और TMC ने अपनी रणनीति के तहत इस मुद्दे से खुद को अलग किया और अपने राजनीतिक उद्देश्य को साफ किया।