crossorigin="anonymous"> "9 जुलाई को देशव्यापी आम हड़ताल में उतरेगा संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार में 11 किसान महापंचायतें कर भाजपा-एनडीए को चुनाव में शिकस्त देने का एलान" - Sanchar Times

“9 जुलाई को देशव्यापी आम हड़ताल में उतरेगा संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार में 11 किसान महापंचायतें कर भाजपा-एनडीए को चुनाव में शिकस्त देने का एलान”

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सासाराम
हैदर अली. रोहतास ब्यूरो संचार टाइम्स


संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में बिहार के हजारों किसान 9 जुलाई 2025 को प्रस्तावित मजदूर संगठनों की देशव्यापी आम हड़ताल में शामिल होंगे। राज्य भर के प्रखंडों, जिला मुख्यालयों और राजधानी पटना में किसान बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे। इस हड़ताल को समर्थन देने के साथ ही मोर्चा ने खेती-बाड़ी छोड़कर सड़क पर उतरने का ऐलान किया है।

पटना के छज्जूबाग स्थित आवास संख्या 13 पर अखिल भारतीय किसान महासभा की मेज़बानी में हुई राज्य स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता एआईकेएमकेएस के राज्य सचिव अशोक बैठा ने की और इसमें 10 किसान संगठनों के 15 राज्यस्तरीय नेता शामिल हुए।

बैठक की शुरुआत पहलगांव में मारे गए पर्यटकों, ऑपरेशन सिंदूर में शहीद सैनिकों, विमान हादसे में मृत यात्रियों और शहीद कॉमरेड अजीत सरकार को श्रद्धांजलि के साथ हुई। गंभीर विचार-विमर्श के बाद मोर्चा ने कई अहम फैसले लिए।

प्रमुख निर्णय इस प्रकार हैं:

9 जुलाई को आम हड़ताल में किसान प्रखंड मुख्यालयों और बाजारों में प्रदर्शन करेंगे।

राजधानी पटना में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन की योजना।

20 जून तक सभी जिलों में बैठक कर आंदोलन की तैयारी पूरी की जाएगी।

हड़ताल के दौरान किसान संगठनों की मांगें भी prominently उठाई जाएंगी।

इसके साथ ही, आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (अक्टूबर-नवंबर 2025 संभावित) को देखते हुए, मोर्चा ने भाजपा और एनडीए को “किसान-मजदूर विरोधी” बताते हुए उन्हें “हर हाल में शिकस्त देने” और “दंडित करने” का संकल्प लिया है।

इस उद्देश्य से बिहार के 11 ज़िलों — पूर्णिया, सहरसा, भागलपुर, बेगूसराय, दरभंगा, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, सिवान, आरा, गया और बिहारशरीफ — में विशाल किसान महापंचायतों का आयोजन किया जाएगा। इन महापंचायतों में संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेता भी भाग लेंगे।

भूमि अधिग्रहण और कृषि संकट पर चिंता:
बैठक में यह भी कहा गया कि विकास परियोजनाओं के नाम पर सरकारें जिस प्रकार कृषि भूमि का अधिग्रहण कर रही हैं, उससे भविष्य में बिहार में खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो सकता है। नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकारें कॉरपोरेट कंपनियों के इशारे पर काम कर रही हैं और किसानों की जमीनें लूट रही हैं।

बैठक में शामिल प्रमुख नेता:
उमेश सिंह, रामचंद्र महतो, विनोद कुमार, अशोक बैठा, संजय श्याम, उदयन राय, प्रमोद कुमार, जमीरुद्दीन, मनीष कुमार, नंदलाल सिंह समेत अन्य किसान संगठनों के प्रमुख प्रतिनिधि बैठक में मौजूद रहे।

संयुक्त किसान मोर्चा का संकल्प स्पष्ट है —
“इस बार के चुनाव में कॉरपोरेटपरस्त सरकारों को शिकस्त देकर, किसानों के हक और हकूक की लड़ाई को निर्णायक मुकाम तक पहुँचाया जाएगा।”


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