ST.News Desk : आज शीतकालीन सत्र का एक और दिन बिना किसी महत्वपूर्ण कार्यवाही के समाप्त हुआ। विपक्षी सांसदों ने संभल हिंसा और अमेरिका द्वारा गौतम अडानी को दोषी ठहराए जाने पर बहस की मांग की। विदेश मंत्री एस जयशंकर से भारत-चीन सीमा समझौते पर बयान की उम्मीद थी, लेकिन वह भी नहीं हो सका। संसद की कार्यवाही में रुकावट के लिए विपक्ष और सत्तापक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि विपक्ष को लोकतंत्र में विश्वास नहीं है, जबकि समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि सरकार चर्चा नहीं चाहती।
लोकसभा की कार्यवाही
सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित करने के बाद पुनः शुरू हुई, लेकिन विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण इसे दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सदस्य आसन के पास आकर नारेबाजी कर रहे थे। कांग्रेस सदस्य अदाणी समूह के मुद्दे पर और सपा सांसद संभल हिंसा पर चर्चा करने की मांग कर रहे थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बार-बार अपील की कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन हंगामा जारी रहा। इस दौरान, कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कुछ प्रश्नों के उत्तर दिए।
राज्यसभा की कार्यवाही
राज्यसभा में भी विपक्ष ने अदाणी समूह, संभल हिंसा और मणिपुर में कानून-व्यवस्था पर चर्चा की मांग की, जो खारिज होने पर उन्होंने हंगामा किया। सभापति जगदीप धनखड़ ने प्रश्नकाल शुरू करने की कोशिश की, लेकिन हंगामा जारी रहने पर कार्यवाही स्थगित कर दी गई। द्रविड मुनेत्र कषगम (DMK) के तिरूची शिवा ने अपनी बात रखने के लिए अनुमति मांगी, लेकिन यह भी नहीं हो सका।