crossorigin="anonymous"> आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर विवाद - Sanchar Times

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर विवाद

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कहा कि भारत की कुल प्रजनन दर (टीएफआर) वर्तमान में 2.1 के बजाय 3 होनी चाहिए

ST.News Desk : घटती जनसंख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने प्रत्येक परिवार से तीन बच्चे पैदा करने की अपील की। इस बयान पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा और एनडीए नेता मोहन भागवत के बयान का समर्थन कर रहे हैं, जबकि विपक्षी दलों ने उनकी टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

यह ध्यान देने योग्य है कि मोहन भागवत ने यह बयान अकेले नहीं दिया है। इससे पहले, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह दी थी, खासकर उन राज्यों के लिए जहां बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है और युवा आबादी घट रही है।

कुल प्रजनन दर और सामाजिक चिंताएँ

मोहन भागवत ने कहा कि भारत की कुल प्रजनन दर (टीएफआर) वर्तमान में 2.1 के बजाय 3 होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी समाज की प्रजनन दर 2.1 से नीचे चली जाती है, तो वह समाज धीरे-धीरे विलुप्त हो सकता है। भारत की जनसंख्या नीति 1998 और 2002 में इस मुद्दे पर विचार कर चुकी है, जिसमें कहा गया था कि प्रजनन दर 2.1 से नीचे नहीं जानी चाहिए।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के 2021 के आंकड़ों के अनुसार, भारत की टीएफआर घटकर 2.0 हो गई है, जबकि गर्भनिरोधक इस्तेमाल की दर 54% से बढ़कर 67% हो गई है। यह भी देखा गया है कि दक्षिणी राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अब इन राज्यों को डर है कि अगर संसदीय सीटों का परिसीमन जनसंख्या के आधार पर हुआ, तो इससे राष्ट्रीय राजनीति उत्तर भारत केंद्रित हो सकती है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

आरएसएस प्रमुख के बयान पर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुस्लिम समुदाय के बारे में दिए गए बयान का संदर्भ देते हुए मोहन भागवत के बयान पर आलोचना की। वहीं, कांग्रेस ने इसे दिवालियेपन की मानसिकता का प्रतीक करार दिया है।


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