“अगर मुझे लगा कि संविधान और आरक्षण से खिलवाड़ हो रहा है, तो मैं मंत्री पद से तुरंत इस्तीफा दे दूंगा।”
ST.News Desk : बिहार की राजनीतिक पिच पर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं। सभी दल अपनी रणनीतियाँ बनाने में लगे हैं, लेकिन चिराग पासवान ने हाल ही में एक बयान देकर सियासी तापमान को और बढ़ा दिया है।
एसके मेमोरियल हॉल में पार्टी के एससी-एसटी प्रकोष्ठ की बैठक में चिराग पासवान ने कहा, “अगर मुझे लगा कि संविधान और आरक्षण से खिलवाड़ हो रहा है, तो मैं मंत्री पद से तुरंत इस्तीफा दे दूंगा।” उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, खासकर जब उन्होंने अपने पिता के मंत्री पद त्यागने का उदाहरण दिया।
हालांकि, चिराग ने अपने इस्तीफे की कोई योजना नहीं बनाई है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश का हिस्सा है। चिराग के चाचा पशुपति पारस की भाजपा के साथ बढ़ती नजदीकियाँ भी उनके लिए चिंता का विषय हैं।
चिराग ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में बने रहेंगे। उनका यह कहना कि “मैं अपने पिता की तरह मंत्री पद छोड़ने में संकोच नहीं करूंगा” कई सवाल खड़े कर रहा है, और इसे उनके राजनीतिक मंसूबों से जोड़ा जा रहा है।
चिराग ने भाजपा की सरकार को दलितों के प्रति संवेदनशील बताते हुए अपनी बात रखी, लेकिन सियासी समीक्षकों का मानना है कि उनके बयान में गहराई से कहीं अधिक सच्चाई छिपी हुई है। आने वाले चुनावों में चिराग की स्थिति और उनकी रणनीतियों पर सबकी नज़र रहेगी।