
ST.News Desk

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने एकदिवसीय कर्नाटक दौरे पर उडुपी पहुंचे, जहां उन्होंने श्री कृष्ण मठ में आयोजित ‘लक्ष कंठ गीता पारायण’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम विश्व गीता पर्याय के तहत आयोजित किया गया, जिसमें करीब एक लाख लोगों—छात्रों, साधु-संतों, विद्वानों और आम नागरिकों—ने एक स्वर में श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ किया। इस अवसर पर जगद्गुरु श्री श्री सुगुनेंद्र तीर्थ स्वामीजी ने प्रधानमंत्री का विशेष स्वागत किया।
उडुपी—जनसंघ व भाजपा के सुशासन मॉडल की कर्मभूमि: पीएम मोदी
उडुपी में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्षेत्र को भाजपा की राजनीतिक और प्रशासनिक यात्रा में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि “उडुपी आना मेरे लिए खास है, क्योंकि यह जनसंघ और भाजपा के सुशासन मॉडल की कर्मभूमि रही है। 1968 में उडुपी के लोगों ने जनसंघ के वी.एस. आचार्य को नगरपालिका परिषद में जीत दिलाई थी। आज देश में स्वच्छता अभियान जिस रूप में चल रहा है, उसकी शुरुआत उडुपी ने पांच दशक पहले ही कर दी थी।”
पीएम मोदी ने कहा कि यह क्षेत्र न केवल आध्यात्मिक रूप से समृद्ध है, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी देश के सुशासन मॉडल को दिशा देने में अग्रणी रहा है।
‘एक लाख कंठों का एक स्वर—अद्भुत ऊर्जा का अनुभव’
‘लक्ष कंठ गीता पारायण’ के महाआयोजन के दौरान ऊर्जा की अनुभूति पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “गीता के श्लोकों का पाठ सदियों से होता आया है, लेकिन जब एक लाख लोग एक स्वर में उच्चारण करते हैं, तो उससे उत्पन्न ऊर्जा मन और मस्तिष्क को नई शक्ति देती है। यही शक्ति अध्यात्म की ऊर्जा है और यही ऊर्जा सामाजिक एकता को भी मजबूत करती है। यह आयोजन एक विशाल ऊर्जा पिंड का अनुभव कराने वाला अवसर बन गया है।”
‘सबका साथ, सबका विकास’ की प्रेरणा श्री कृष्ण के श्लोकों से: पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा में अयोध्या यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि तीन दिन पहले वे राम जन्मभूमि में हुए धर्म ध्वजा स्थापना के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में उडुपी की भूमिका हमेशा याद की जाएगी।
पीएम ने आगे कहा, “हमारी विकास नीतियां—सबका साथ, सबका विकास और सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय—भक्तों को भगवान श्री कृष्ण के श्लोकों से मिलती हैं। गरीबों की मदद का जो मंत्र श्री कृष्ण ने दिया है, उसी से प्रेरित होकर आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाएं चल रही हैं। महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण का ज्ञान भी श्री कृष्ण की ही प्रेरणा है, और इसी कारण देश ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम जैसा ऐतिहासिक निर्णय लिया।”
‘शांति की स्थापना और रक्षा—दोनों जानते हैं’: ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने सुरक्षा और राष्ट्रीय संकल्प की बात करते हुए श्री कृष्ण के संदेशों का संदर्भ दिया। उन्होंने कहा,
“भागवत गीता सिखाती है कि शांति और सत्य की स्थापना के लिए अत्याचारियों का अंत आवश्यक है। हम लाल किले की प्राचीर से श्री कृष्ण की करुणा का संदेश भी देते हैं और वहीं से मिशन सुदर्शन चक्र का उद्घोष भी करते हैं। देश ने ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई में हमारे संकल्प और क्षमता को देखा है। हम शांति स्थापित करना भी जानते हैं और शांति की रक्षा करना भी जानते हैं।”

