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Ranchi : पांच लाख बच्चों को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के बार-बार निर्देश के बाद भी अभी तक नहीं मिल सकीं पाठ्यपुस्तक

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रांची : राज्य में सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे लगभग पांच लाख बच्चों को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के बार-बार निर्देश के बाद भी अभी तक पाठ्यपुस्तक नहीं मिल सकीं हैं। इनमें सभी कक्षा के बच्चे शामिल हैं। ई-विद्यावाहिनी पर उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पुस्तकों के वितरण में गढ़वा, गिरिडीह, रांची, बोकारो तथा पूर्वी सिंहभूम पीछे हैं।

शुक्रवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों के साथ हुई समीक्षा बैठक में यह बात सामने आने के बाद राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी ने हर हाल में इस माह तक शत-प्रतिशत बच्चों को पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

हालांकि, अधिकारियों का कहना था कि रिपोर्ट अपडेट नहीं होने से यह आंकड़ा दिख रहा है। ज्यादातर बच्चों को पाठ्यपुस्तकें मिल गई हैं। बैठक में उत्कृष्ट विद्यालयों में नामांकन तथा वहां उपलब्ध कराए जा रहे आवश्यक संसाधनों की भी समीक्षा हुई।
समीक्षा में यह बात सामने आई कि कुछ जिलों के विद्यालयों में अभी भी लगभग डेढ़ हजार सीटें रिक्त रह गईं हैं। सबसे अधिक रिक्ति रांची के विद्यालयों में है। वहीं, इसमें दूसरे तथा तीसरे स्थान पर क्रमश: चतरा और खूंटी हैं।

दूसरी तरफ, लोहरदगा, रामगढ़ तथा सिमडेगा में शत-प्रतिशत सीटों पर नामांकन हुआ है। राज्य परियोजना निदेशक ने सभी विद्यालयों में शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने, शिक्षकों के रिक्त पदों पर दूसरे विद्यालयों के अंग्रेजी में निपुण शिक्षकों को प्रतिनियुक्त करने के निर्देश दिए।

बैठक में यह बात भी सामने आई कि कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों में लक्ष्य के विरुद्ध 82 प्रतिशत तथा झारखंड बालिका आवासीय विद्यालयों मं 76 प्रतिशत नामांकन हुआ।

इसे लेकर सभी जिला पदाधिकारियों से जवाब तलब किया गया। बैठक में मध्याह्न भोजन, जेसीईआरटी, झारखंड एकेडमिक काउंसिल की गतिविधियों की भी समीक्षा हुई। साथ ही शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर निर्धारित प्रक्रियाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए गए। सरप्लस शिक्षकों की सूची में त्रूटि को दूर करने के भी निर्देश दिए गए।


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