
हैदर अली, संचार टाइम्स ब्यूरो रोहतास

14 सितंबर को हिन्दी दिवस के अवसर पर जिला शिक्षा विभाग की ओर से एक भव्य विचार-गोष्ठी-सह-कवि-सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें हिन्दी भाषा की महत्ता, उसकी सांस्कृतिक विरासत और भाषाई एकता पर जोर दिया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला शिक्षा पदाधिकारी मदन राय ने किया।
मदन राय ने कहा, “हिन्दी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, एकता और पहचान की प्रतीक है। यह भाषा भारत के विभिन्न भागों को जोड़ने का कार्य करती है।” उन्होंने संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर, 1949 को हिन्दी को राजभाषा बनाए जाने की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला।

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रोहित रौशन ने अपने संबोधन में कहा, “हिन्दी हमारी सोच, अस्मिता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इसकी विविधता ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है।”
विशेष वक्ता के रूप में रोहतास महिला कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने हिन्दी दिवस मनाने के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका उद्देश्य हिन्दी के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ लोगों को इसकी महत्ता से अवगत कराना है। कार्यक्रम में सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक निक्खू राम ने एक गंभीर कविता के माध्यम से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
कवियों ने बांधा समां
कार्यक्रम में कविता और शायरी की रंगारंग प्रस्तुति ने समां बांध दिया। उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध शायर अहमद आज़मी, पूनम श्रीवास्तव और फजीहत गहमरी ने मंच से अपने बेहतरीन कलाम पेश किए।
स्थानीय कवियों में
सरोज कुमार पंकज
अख्तर इमाम अंजुम
तनवीर अख्तर
ललन सिंह ललित
डॉ. विनोद मिश्र
वीरेंद्र तिवारी
सहित अन्य कवि-शायरों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
गरिमामयी उपस्थिति और संचालन
कार्यक्रम की अध्यक्षता एसपी जैन कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य एवं विश्व भोजपुरी सम्मेलन के उपाध्यक्ष डॉ. गुरुचरण सिंह ने की, जबकि संचालन किया भारत स्तर के विख्यात शायर मतीन सासारामी ने। समाजसेवी रामपुकार पांडेय उर्फ़ मान बाबा की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को और खास बना दिया। इस अवसर को सफल बनाने में शिक्षा विभाग के पंकज कुमार सहित अनेक कर्मियों का सराहनीय योगदान रहा।
