ST.News Desk : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और चीन के बीच वार्ता के बाद वास्तविक नियंतण्ररेखा (एलएसी) पर जमीनी स्थिति बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बन गयी है जिसमें पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और मवेशियों को चराने की अनुमति देना भी शामिल है।
‘चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2024’ में रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के बीच हुए समझौते को एक ‘महत्वपूर्ण घटनाक्रम’ बताया, जो वैिक मंच पर रक्षा वार्ता के महत्व को रेखांकित करता है। सिंह ने कहा, ‘भारत और चीन एलएसी के साथ कुछ क्षेत्रों में मतभेदों को सुलझाने के लिए सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं। वार्ता के बाद, समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांत के आधार पर जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बन गई है।’ सिंह ने कहा, ‘इसमें गश्त करना, पारंपरिक क्षेत्रों में चरागाह गतिविधियों को अनुमति देना भी शामिल है। यह निरंतर बातचीत की बदौलत संभव हुआ है, क्योंकि देर-सवेर समाधान निकल ही जाएगा।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने पर भारत-चीन समझौते का बुधवार को समर्थन किया तथा विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्र को बहाल करने के निर्देश जारी किए, जो 2020 की सैन्य झड़प से प्रभावित हुए संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयासों का संकेत देते हैं। रूस के कजान में, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर आयोजित करीब 50 मिनट की बैठक में, मोदी ने मतभेदों और विवादों को उचित तरीके से निपटाने तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति व स्थिरता को भंग करने की अनुमति नहीं देने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि परस्पर विास, एक-दूसरे का सम्मान और परस्पर संवेदनशीलता संबंधों का आधार बने रहना चाहिए।