
बेंगलुरु: आईपीएल 2025 का खिताब जीतने के बाद जहां आरसीबी (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु) के फैन्स खुशी में झूम रहे थे, वहीं एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर विक्ट्री परेड के दौरान मची भगदड़ ने जश्न को मातम में बदल दिया। इस दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की जान चली गई और दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। अब इस घटना के बाद आरसीबी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और कर्नाटक क्रिकेट संघ (KCA) के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है।

घटना की पृष्ठभूमि
आरसीबी ने 3 जून को पंजाब को हराकर अपना पहला आईपीएल खिताब जीता। इसके बाद 4 जून को बेंगलुरु में टीम की विक्ट्री परेड और ग्रैंड सेलिब्रेशन का आयोजन किया गया था। हजारों फैन्स इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए स्टेडियम के बाहर जुटे थे, लेकिन भीड़ नियंत्रित न होने के चलते भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
FIR, गिरफ्तारी और इस्तीफे
आरसीबी फ्रेंचाइज़ी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
KCA के दो शीर्ष अधिकारियों ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है।
इस मामले में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी भी हो चुकी है, जो आयोजन प्रबंधन से जुड़ा था।
बीसीसीआई कर सकता है कड़ा फैसला
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या आरसीबी आईपीएल 2026 में हिस्सा ले पाएगी?
सूत्रों के अनुसार, बीसीसीआई इस मामले में गंभीरता से जांच कर रहा है। आईपीएल की सभी फ्रेंचाइजी बीसीसीआई के अनुबंध के अधीन काम करती हैं, जिनमें पब्लिक सेफ्टी और इवेंट मैनेजमेंट से जुड़ी कई शर्तें होती हैं। अगर जांच में यह साबित होता है कि इस लापरवाही में आरसीबी का प्रबंधन सीधे तौर पर जिम्मेदार है, तो बीसीसीआई को आरसीबी पर निलंबन या अनुबंध समाप्त करने जैसे कठोर निर्णय लेने पड़ सकते हैं।
आलोचना और सवाल
इस घटना ने देश भर में एक नई बहस को जन्म दे दिया है:
क्या खेल आयोजनों के दौरान भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा को प्राथमिकता मिल रही है?
क्या कमर्शियल हितों के चलते जनसुरक्षा की अनदेखी की गई?
क्या आरसीबी को दोषी ठहराया जाना उचित है, या इसके पीछे प्रशासनिक लापरवाही बड़ी वजह है?
फिलहाल जांच एजेंसियां, बीसीसीआई और राज्य प्रशासन इस घटना की विस्तृत जांच में जुटे हैं। इस दुर्घटना ने सिर्फ आरसीबी की छवि को नहीं, बल्कि पूरे आईपीएल की साख को भी प्रभावित किया है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि बीसीसीआई इस पर कैसा फैसला लेता है और क्या भविष्य में ऐसे आयोजनों को लेकर नई गाइडलाइन या कड़े नियम लागू किए जाते हैं।
आरसीबी की ऐतिहासिक जीत को जो उत्सव बनना था, वह एक राष्ट्रीय त्रासदी में बदल गया। यह सिर्फ एक टीम की नहीं, बल्कि पूरे खेल जगत की जिम्मेदारी है कि भविष्य में ऐसा दोबारा न हो। बीसीसीआई के फैसले और जांच रिपोर्ट का अब सबको इंतजार है।
