
हैदर अली
रोहतास ब्यूरो (संचारटाइम्स.न्यूज)

वाराणसी में नीट परीक्षा की तैयारी कर रही सासाराम की 17 वर्षीय स्नेहा सिंह की संदिग्ध मौत अब राजनीतिक व सामाजिक बहस का कारण बन चुकी है। इस मामले में नेताओं का विरोध और सियासी बयानबाजी बढ़ गई है। गुरुवार को जिला यादव महासभा ने इस हत्याकांड की निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि इसे सीबीआई से कराना चाहिए।
यादव महासभा के जिला अध्यक्ष सुग्रीव सिंह और प्रांतीय नेता लाल साहब सिंह यादव ने संयुक्त बयान में कहा कि स्नेहा हत्याकांड की जांच सीबीआई या सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर्ड जज से कराई जाए। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को फरवरी माह के अंत तक का अल्टीमेटम दिया और कहा कि अगर इस समय सीमा के भीतर मामले की जांच शुरू नहीं होती है, तो वे सड़क पर उतरकर चक्का जाम करेंगे।
इस दौरान, मृतका स्नेहा के पिता सुनील कुमार से मुलाकात की गई और उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया गया। लाल साहब सिंह यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में एक बेटी के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करना बहुत ही शर्मनाक है। उन्होंने यूपी पुलिस की कार्यशैली की कड़ी आलोचना की और कहा कि इस मामले को आत्महत्या में बदलने की साजिश रची गई है।
स्नेहा को न्याय दिलाने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए, लाल साहब सिंह यादव ने यह वादा किया कि वह तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक स्नेहा को न्याय नहीं मिलता। साथ ही, आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव तेज प्रताप सिंह ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यदि स्नेहा को इस माह के अंत तक न्याय नहीं मिलता, तो लड़ाई सासाराम से दिल्ली तक लड़ी जाएगी, जिसमें रेल और रोड जाम जैसी प्रदर्शन की योजना बनाई जाएगी।
स्नेहा के परिवार और महासभा के नेताओं का कहना है कि इस मुद्दे पर दबाव बनाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे, ताकि स्नेहा को न्याय मिल सके।
