राजनीतिक रणनीतिकार और नेता प्रशांत किशोर ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया। भागलपुर में एक जनसभा में बोलते हुए किशोर ने कहा कि कुमार ने “राज्य के लोगों का सम्मान बेच दिया”।
नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि सत्ता में बने रहने के लिए नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छूने में भी गुरेज नहीं किया। वह उस समय का जिक्र कर रहे थे जब लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सरकार बनाने से ठीक पहले एनडीए संसदीय दल की बैठक के दौरान कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छूने की कोशिश की थी। किशोर ने कहा, “नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों का स्वाभिमान बेच दिया है। 13 करोड़ लोगों के नेता, हमारे गौरव, वह पूरे देश के सामने पैर छू रहे हैं। यह आदमी मुख्यमंत्री बनेगा।”
‘जन सुराज’ अभियान चला रहे किशोर ने कहा कि 2014 में नीतीश कुमार जैसे थे और 2024 में वे जैसे हैं, उनमें बहुत अंतर है। उन्होंने यह बात इस सवाल का जवाब देते हुए कही कि जब उन्होंने 2014 में मुख्यमंत्री की मदद की थी तो अब वह कुमार का विरोध क्यों कर रहे हैं। किशोर ने 2015 में जेडी(यू) अध्यक्ष के चुनाव अभियान का प्रबंधन किया था और दो साल बाद औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल हुए थे।
उन्होंने कहा, “लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं नीतीश कुमार के साथ काम कर चुका हूं, लेकिन अब उनकी आलोचना क्यों कर रहा हूं।” किशोर ने कहा, “उस समय वह एक अलग व्यक्ति थे। 2014 में नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के पैर नहीं छुए थे… उन्होंने तब अपनी अंतरात्मा नहीं बेची थी। आज वह मुख्यमंत्री बने रहने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।” बिहार लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जेडी(यू) ने 12 सीटें जीतीं। यह भाजपा की प्रमुख सहयोगी पार्टी बनकर उभरी जिसने एनडीए को केंद्र में सरकार बनाने में मदद की। भाजपा ने लोकसभा में अपने दम पर बहुमत हासिल करने में विफल रहने के बाद गठबंधन सरकार बनाई।
किशोर ने कहा, “मोदी की सत्ता में वापसी में नीतीश कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका होने के बारे में काफी चर्चा हो रही है। लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री अपने पद का लाभ कैसे उठा रहे हैं? वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल राज्य के लिए लाभ सुनिश्चित करने के लिए नहीं कर रहे हैं। वह यह सुनिश्चित करने के लिए पैर छू रहे हैं कि 2025 के विधानसभा चुनावों के बाद भी वह भाजपा के समर्थन से सत्ता में बने रहें।”
उल्लेखनीय है कि किशोर पहली बार 2014 में मोदी के शानदार सफल लोकसभा चुनाव अभियान को संभालने के लिए प्रसिद्ध हुए थे। 2021 में जब उन्होंने राजनीतिक परामर्श का काम छोड़ दिया, तब तक किशोर ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और जगन मोहन रेड्डी सहित कई हाई-प्रोफाइल राजनेताओं के लिए काम कर चुके थे।