
सेना के राजनीतिकरण पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि सैनिकों और सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेना चाहिए।
इस संबंध में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रविवार एक्स पर लिखा कि कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में सिविल सेवकों और सैनिकों के हो रहे राजनीतिकरण पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि सिविल सेवकों और सैनिकों को हर समय स्वतंत्र और गैर-राजनीतिक रखा जाना चाहिए। खड़गे ने प्रधानमंत्री से कहा, मैं आपको जनता से जुड़े मुद्दे को लेकर पत्र लिख रहा हूं, यह न सिर्फ इंडिया गठबंधन, बल्कि लोगों के लिए भी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, यह मुद्दा सत्तारूढ़ राजनीतिक दल की सेवा के लिए सरकारी तंत्र के दुरु पयोग से जुड़ा है। खड़गे ने पत्र में कहा कि यह केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम 1964 का उल्लंघन है। इसके तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेगा। हालांकि अब सरकारी अधिकारी सूचना प्रसारित करने लगे हैं, लेकिन उन्हें जश्न मनाने और उपलब्धियों गिनाना ठीक नहीं है। खड़गे ने कहा, अगर विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को वर्तमान सरकार की मार्केटिंग एक्टिविटीज के लिए नियुक्त किया जा रहा है तो हमारे देश का शासन अगले छह महीनों के लिए ठप हो जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा, मैं 9 अक्टूबर 2023 को रक्षा मंत्रालय की ओर से पारित एक आदेश का हवाला देता हूं, जिसमें वार्षिक छुट्टी पर गए सैनिकों को सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर समय बिताने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा, आर्मी ट्रेनिंग कमांड को हमारे जवानों को देश की रक्षा के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए न कि सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के तरीके पर। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में यह बेहद जरूरी है कि सशस्त्र बलों को राजनीति से दूर रखा जाए। हर जवान की निष्ठा देश और संविधान के प्रति है, हमारे सैनिकों को सरकारी योजनाओं का मार्केटिंग एजेंट बनने के लिए मजबूर करना सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण की दिशा में एक खतरनाक कदम है।

