उन्होंने केंद्र से राज्य को तुरंत हरसंभव सहायता मुहैया कराने का अनुरोध किया
सिलचर (असम), (भाषा)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि वह असम के लोगों के साथ हैं और ‘संसद में उनके सिपाही’ हैं। उन्होंने केंद्र से राज्य को तुरंत हरसंभव सहायता मुहैया कराने का अनुरोध किया। राहुल ने असम में कछार जिले के फुलेर्तल में एक बाढ़ राहत शिविर का दौरा करने के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘मैं असम के लोगों के साथ हूं, मैं संसद में उनका सिपाही हूं और मैं केंद्र सरकार से राज्य को तुरंत हरसंभव मदद मुहैया कराने का अनुरोध करता हूं।’
उन्होंने कहा कि असम को ‘अल्पावधि में व्यापक और दयालु दृष्टि वाली राहत, पुनर्वास और मुआवजे की आवश्यकता है तथा दीर्घावधि में बाढ़ पर नियंतण्रपाने के लिए पूरे पूर्वोत्तर का एक जल प्रबंधन प्राधिकरण चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘असम में बाढ़ से मची अत्यधिक तबाही हृदयविदारक है जिसने आठ वर्षीय अविनाश जैसे मासूम बच्चे को हमसे छीन लिया है। पूरे राज्य में सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं।’अविनाश और उसके पिता गुवाहाटी शहर में एक स्कूटर पर जाते समय एक खुले नाले में गिर गए थे। इस हादसे में उसके पिता तो बच गए लेकिन बच्चे का शव तीन दिन बाद रविवार को चार किलोमीटर दूर नाले से बरामद किया गया। राहुल ने कहा कि असम कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें जमीनी स्थिति से अवगत कराया है कि 24 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, 53,000 तथा उससे अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं और 60 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है।
उन्होंने कहा, ‘यह संख्या भाजपा की ‘डबल इंजन’ सरकार के घोर और गंभीर कुप्रबंधन को दर्शाती है जो बाढ़ मुक्त असम के वादे के साथ सत्ता में आयी थी।’ कांग्रेस नेता ने पड़ोसी मणिपुर में हिंसा के बाद कछार जिले के थालैन में विस्थापित राज्य के लोगों के एक शिविर का भी दौरा किया और उनसे बातचीत की।इससे पहले, यहां कुंभीग्राम हवाई अड्डे पर असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा तथा राज्य व जिले के अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने राहुल की अगवानी की। वह असम के बाद मणिपुर के जिरिबाम जिले के दौरे पर गए। बोरा ने राहुल को एक ज्ञापन सौंपते हुए उनसे राज्य में आयी विनाशकारी बाढ़ का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाने का अनुरोध किया ताकि लोगों को पर्याप्त राहत और बाढ के कारण हुई गंभीर क्षति के लिए मुआवजा मिल सके। बोरा ने कहा, ‘हमारी पीड़ा को केंद्र तक पहुंचाने के लिए हम आपके आभारी रहेंगे।’
उन्होंने कहा कि असम को इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए एक पैकज मिलना चाहिए क्योंकि ‘राज्य सरकार केंद्र से पर्याप्त निधि हासिल करने में नाकाम रही है जो डबल इंजन की सरकार के लिए दोहरी नाकामी है।’ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि पिछले पांच वर्ष में भाजपा की ‘डबल इंजन’ सरकार ने तटबंध की मरम्मत और पुनर्निर्माण को कोई महत्व नहीं दिया है। उन्होंने दावा किया, ‘इन पांच वर्षों में असम में भाजपा सरकार ने केंद्र सरकार से बाढ संबंधी राहत व पुनर्निर्माण के लिए 10,785 करोड़ रुपए देने का अनुरोध किया लेकिन उसे महज 250 करोड़ रुपए मिले।’ बोरा ने यह भी दावा किया कि असम में बाढ़ की समस्या का समाधान पर्वतों में हैं और पर्वतीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर वनों की कटाई के कारण नदियों में काफी गाद जमा हो जाती है जिससे नदी का तल ऊपर उठ जाता है और असम की नदियों की जल वहन की क्षमता कम हो जाती है।उन्होंने कहा, ‘मानसून के दौरान और जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक बारिश हो रही है जिससे पानी का बहाव नदियों की वहन क्षमता से अधिक हो गया है।’ बोरा ने कहा कि इस समस्या का दीर्घकालीन समाधान पूरे पूर्वोत्तर का एक जल प्रबंधन प्राधिकरण बनाना है जिसे संसद द्वारा बाढ़ को नियंतण्रकरने के लिए हर आवश्यक अधिकार प्राप्त हो।