
ST.News Desk : भारत ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम को अपनी सख्त शर्तों पर ही स्वीकार करने का निर्णय लिया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदले सामरिक परिदृश्य में, पाकिस्तान की ओर से वार्ता की पहल हुई, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि कोई भी समझौता भारत की शर्तों पर ही संभव होगा।

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार असीम मलिक और एयर आईएसआई प्रमुख ने भारतीय एनएसए अजीत डोभाल से संपर्क साधा था। वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी अमेरिका के साथ इस मुद्दे पर कूटनीतिक वार्ताएं कीं। प्रधानमंत्री मोदी को इस पूरे घटनाक्रम की नियमित जानकारी दी जाती रही।
दोनों देशों के DGMO के बीच हुई औपचारिक वार्ता
विदेश सचिव के अनुसार, शुक्रवार दोपहर 15:35 बजे (IST) पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने भारत के DGMO से संपर्क किया। दोनों पक्षों ने 17:00 बजे IST से भूमि, आकाश और समुद्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य गतिविधियों को रोकने पर सहमति जताई।
इसके तहत संघर्ष विराम के आदेश दोनों देशों की सेनाओं को जारी कर दिए गए हैं। दोनों DGMO के बीच 12 मई को दोपहर 12:00 बजे स्थिति की समीक्षा के लिए दोबारा बातचीत तय हुई है।
बिना मध्यस्थता, द्विपक्षीय सहमति
यह उल्लेखनीय है कि संघर्ष विराम पर यह सहमति किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के बिना, भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद के ज़रिए बनी। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से पहल की गई थी, और उसी के परिणामस्वरूप यह वार्ता संभव हो सकी।
भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूती मिली है, और सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में भारत की संप्रभुता और शर्तें सर्वोपरि रहेंगी।
