रामपुर जिले की एक विशेष अदालत ने डूंगरपुर में जबरन घर तोड़े जाने के मामले में सोमवार को पूर्व मंत्री आजम खान को सात वर्ष तथा तीन अन्य दोषियों को पांच-पांच साल की कैद की सजा सुनाई। आजम खान एक अन्य आपराधिक मामले में सीतापुर जेल में सजा काट रहे हैं। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने सोमवार को बताया कि रामपुर की सांसद-विधायक अदालत (एमपी-एमएलए कोर्ट) के सत्र न्यायाधीश विजय कुमार ने जिले के गंज थाने में दर्ज एक मामले में शनिवार को पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अजहर अहमद खान और पूर्व पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) आले हसन तथा बरकत अली को दोषी करार दिया था जबकि अन्य तीन आरोपियों को बरी कर दिया।
उन्होंने बताया कि इस मामले में सजा के लिए 18 मार्च की तारीख मुकर्रर की गई थी और अदालत ने आज दोषियों को सजा सुनाई। तिवारी ने बताया कि अलग-अलग धाराओं में आजम खान को कुल सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई तथा उन पर आठ लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। उनके अनुसार अदालत ने बाकी तीनों आरोपियों को पांच-पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई तथा उन पर ढाई-ढाई लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
उन्होंने बताया कि रामपुर के चर्चित डूंगरपुर मामले में समाजवादी सरकार के समय 2016 में जबरन घर तोड़े जाने की घटना को लेकर तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खान, तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष अजहर अहमद खान और तत्कालीन सीओ (शहर) आले हसन खान सहित कुल सात आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था। प्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद 2019 में रामपुर के गंज थाने में यह मामला दर्ज किया गया था। तीन आरोपियों– जिब्रान, फरमान और ओमेंद्र चौहान को बरी कर दिया गया। आजम खान एक अन्य आपराधिक मामले में सीतापुर जेल में सजा काट रहे हैं।