राज्य में व्यापक विनाश के बारे में बोलते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा “बिहारी वास्तुकारों” का उल्लेख करने पर विपक्ष ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला। हालांकि, अपने बयान पर सुक्खू ने आज सफाई दी पर वह विपक्ष के निशाने पर आ गए है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी उनपर निशाना साधा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में (बारिश, भूस्खलन के कारण) कई लोगों की जान चली गई है और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि आपदा ने गंभीर संकट खड़े किए है। सीएम के बयान पर उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को अपमानित करने का कोई कारण नहीं था। सभी को मिलकर काम करना होगा।
केंद्र कर रही मदद
अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ दल, विशेषकर कांग्रेस, इस पर राजनीति कर रहे हैं। मैं उनसे अपील करता हूं कि वे राजनीति बंद करें और संकट की इस घड़ी में मिलकर काम करें।’ केंद्र सरकार हरसंभव मदद कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं 20-21 अगस्त को हिमाचल प्रदेश का दौरा करूंगा और प्रभावित लोगों से मुलाकात करूंगा। इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आर्किटेक्ट राज्य में आ रहे हैं और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग किए बिना, फर्श पर फर्श का निर्माण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रवासी आर्किटेक्ट (राजमिस्त्री), जिन्हें मैं ‘बिहारी आर्किटेक्ट’ कहता हूं, यहां आते हैं और फर्श पर फर्श बनाते हैं। हमारे पास स्थानीय राजमिस्त्री नहीं हैं।” हालांकि, अब इस पर विवाद शुरू हो गया है।
बिहार के लोगों के ऊपर टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण व अकारण बताते हुए ठाकुर ने कहा, “आपदा के समय हमें आपस में मिलकर काम करना चाहिए। टीका टिप्पणी करने से काम नहीं चलेगा। बिहार के लोगों को बिना कारण इसमें घसीटना और उन को अपमानित करना ठीक नहीं है।” ठाकुर ने सभी राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों को राहत और बचाव कार्य में एक साथ आने का आवाहन करते हुए कहा, “हम सभी मिलकर एक दूसरे की मदद करें। मेरा हिमाचल के माननीय मंत्रीगणों से भी आग्रह है कि अलग-अलग भाषा और अलग-अलग सुर में बोलने से बचें और राहत कार्य पर ध्यान लगाएं।”
सीएम की सफाई
मामला बढ़ने के बाद अब मुख्यमंत्री ने सफाई भी दी है। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा। यहां बिहार के लोग भी फंसे हुए थे। मैंने उन्हें हेलीकॉप्टरों से निकलवाया। बिहार के करीब 200 लोग अभी भी यहां फंसे हुए हैं। वे हमारे भाई जैसे हैं। यह हमारी स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की गलती है, वे तो सिर्फ मजदूर हैं। सुक्खू ने अंधाधुंध निर्माण और पहाड़ियों के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र पर इसके प्रभाव के मुद्दे पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कई नवनिर्मित इमारतों में वैज्ञानिक योजना और जल निकासी प्रणालियों की अनुपस्थिति के कारण उनकी अस्थिरता पैदा हुई है।