दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली नगर निगम में सत्तारूढ़ आप पर निशाना साधते हुए कहा है कि उसने दिल्ली के लोगों को निराश किया है। संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने आरोप लगाया है कि मेयर डॉ शैली ओबेरॉय आम लोगों और व्यापारियों से झूठे वादे कर सालों भर गुमराह करती रहीं। स्थायी समिति का गठन आज तक नहीं हो पाया है। आप ने चुनाव पूर्व एक भी वादे को पूरा नहीं किया है। इस मौके पर नगर निगम में नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह, हरीश खुराना, प्रवीण शंकर कपूर एवं विक्रम मित्तल भी उपस्थित थे।
प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि मंत्री आतिशी, मेयर डॉ. शैली ओबेरॉय और आप के विधायक दुग्रेश पाठक मिलकर दिल्ली के लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि आप के पाषर्द समानांतर सरकार चला रहे हैं। निगम को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है। प्रदेश अध्यक्ष ने प्रमुख रूप से पांच मामले उठाते हुए आप के नेताओं को निशाना बनाया। स्थानीय शॉपिंग कांम्पलेक्स के व्यापारियों के मुद्दे पर मेयर उन्हें लगातार गुमराह कर रही हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के प्रयासों से उच्चतम न्यायालय ने कारोबारियों को राहत देते हुए सील दुकानों को डी-सील करने को कहा है। इसके बाद भी निगम की तरफ से अभी तक कोई प्रयास शुरू नहीं किए गए हैं। इससे ऐसा लगता है कि आप की सरकार दुकानों को राहत देने के मूड में नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ पार्टी के नेता राहत देने के नाम पर व्यापारियों से चुनावी फंड जुटाना चाहते हैं।
उन्होंने मेयर को नसीहत देते हुए कहा है कि वह निगम के अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से अपना आवेदन वापस लेने को कहें। जिससे दुकानों को डी-सील करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सके। आप के नेताओं ने जल्द कोई निर्णय नहीं लिया, तो भाजपा 3 जनवरी से खुद ही सील दुकानों की सील खोलना शुरू कर देगी। ट्रेड लाइसेंस के नवीनीकरण प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए उन्होंने आरोप लगाया है कि आप की सरकार ट्रेड लाइसेंस के नवीनीकरण प्रक्रिया को तेज करने के बजाए कारोबारियों की दुकानों को सील कर रही है। र्नसंिग होम आदि पर भारी स्वच्छता शुल्क लगाने की तैयारी कर रही है। लैंडफिल साइटों को साफ ना करके दिल्लीवालों को निराश किया है। जबकि चुनावों में वादा किया था कि लैंड फिल साइटों को निर्धारित समय सीमा के भीतर साफ कर देंगे। प्रवीण शंकर कपूर ने ‘आप’ के दागी पाषर्दों के नाम का उल्लेख करते मांग की है कि यदि पार्टी भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती है, तो उसे अपने दागी पाषर्दों के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए।