राज्यसभा में एक सांसद के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसान की सेवा करना हमारे लिए भगवान की पूजा करने के समान है। उन्होंने कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि 2004-14 के बीच केवल 6,29,000 मीट्रिक टन दालें खरीदी गईं। मोदी जी की सरकार 1 करोड़ 70 लाख मीट्रिक टन दाल खरीद रही है, जो 25 गुना ज्यादा है।
शिवराज ने आगे कहा कि बंसी लाल जी ने कहा है कि वह एक विद्वान किसान हैं। मैं कहना चाहूंगा कि दालों का उत्पादन बढ़ाने के लिए इस बार हमने तय किया है कि मसूर, उड़द और तुअर की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाएगी। चिंता मत कीजिए, देश के किसानों को दाल पैदा करने दीजिए, हम खरीदेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार निरंतर किसानों के कल्याण के काम में लगी हुई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP की दरें किसान को ठीक दाम देने के लिए लगातार बढ़ाई गई हैं।
किसानों के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को घेरने का प्रयास कर रही कांग्रेस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में पलटवार करते हुए तंज कसा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को यह भी नहीं पता होगा कि जौ की बाली कैसी होती है और गेहूं की कैसी। पार्टी ने यह भी कहा कि विपक्ष आम चुनाव के परिणाम को अपनी ‘नैतिक जीत’ बता रहा है लेकिन उसे यह अहसास नहीं है कि कोरोना महामारी के बाद जिन देशों में चुनाव हुए हैं, ज्यादातर में सत्ता परिवर्तन हो चुका है, लेकिन भारत की जनता ने नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार सत्ता पर काबिज कराया है।